दिनांक 27.09.2021 से तीन दिवसीय कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर, ट्रार्इबल कल्चशर सेन्टर, सोनारी, जमशेदपुर में सम्पंन्न हुआ। यह आयोजन, टाटा स्टील फाउन्डेशन, जमशेदपुर तथा सहयोगी संस्थान अददी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची एवं उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर, प. सिंहभूम के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण शिविर में, टाटा स्टील फाउन्डेशन, जमशेदपुर द्वारा आदिवासी भाषा संस्कृति विकास हेतु संचालित केन्द्र में से 30 केन्द्रों के शिक्षक एवं समन्वयक, कुल 35 प्रशिक्षु उपस्थित थे। इन भाषा-शिक्षकों के विशिष्ट प्रशिक्षण के प्रशिक्षक में से रांची से श्री सरन उरांव, श्री महादेव टोप्पो, गुमला घाघरा से श्री भूनेश्वेर उरांव, जमशेदपुर से डॉ नारायण उरांव एवं कोलकाता से श्री महेश एस मिंज थे। टाटा स्टील फाउन्डेशन, जमशेदपुर के पदाधिकारी एवं कर्मचारी श्री शिवशंकर कांडेयोंग, श्री रामचन्द्र टुडू, श्री बिरेन तिउ आदि द्वारा कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर के उदेश्यों पर परिचर्चा के साथ दिनांक 27.09.2021 दिन सोमवार को शुभारंभ कराया गया।
प्रथम दिवस को सिसई–भंडरा तथा चक्रधरपुर के देहात से आये प्रशिक्षुओं के बीच आपस में झिझक तथा शिक्षकों–प्रशिक्षुओं के बीच सामंजस्य की कमी नजर आयी, परन्तु दूसरा दिन का शिविर कुछ बेहतर हुआ और तीसर दिन प्रशिक्षुओं के चेहरे में मुस्कान झलकने लगी, लोग अपनी बातें तथा समाज की बातें खुलकर करने लगे। अंतिम दिन 29.09.2021 को टाटा स्टील फाउन्डेशन, जमशेदपुर के ट्राइबल हेड, श्री जिरेन जेवियर टोपनो की अध्यक्षता में ‘अयंग कोंयछा’ नामक प्राथमिक पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इस विशेष भाषा–लिपि प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन सभी प्रशिक्षुओं ने कहा – अब, हम सभी अपनी मातृभाषा के बचाव तथा विकास के लिए समर्पण के साथ कार्य करेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर का यह विडियो इस शिविर के उदेश्यों का उदगार है।