शोधार्थी नीतू साक्षी टोप्पो का पठनीय आलेख जिसमें कुंड़ुंख भाषा एवं लिपि को लेकर झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची विश्वविद्यालय के कुंड़ुंख भाषा विभाग और कुड़ुंख भाषा-भाषी उरांव समाज के अंतर्द्वन्द्व को विस्तार से बताया गया है। पूरा आलख पढ़ें नीचे पीडीएफ में..