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‘जनजातीय भाषा शिक्षक पद सृजन का विवाद‍ित सर्वे निरस्‍त हुआ‍’

शिक्षा निदेशालय की  लापरवाही से जनजातीय भाषा कुँडुख (उराँव) ,मुण्डा, हो, खड़िया, संथाली  शिक्षक पद सृजन के स्थान पर नागपुरी, उड़िया, बंगला आदि क्षेत्रीय भाषा शिक्षक का पद सृजन किया गया था। जिसे लेकर कुँडुख़ भाषा संरक्षण समन्वय समिति (झारखण्ड) के पदाधिकारियों व कई विधायकों ने दिनांक 30/07/2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर सर्वे के विरूद्ध अपना मत रखा और ज्ञापन सौंपा था। अब खबर आयी है कि उस सर्वे को निरस्‍त कर दिया गया है। यह जानकारी मांडर विधायक शिल्‍पी नेहा तिर्की द्वारा दी गई है। इस घटना से प्रसन्‍न उक्‍त भाषा भाषी लोगों ने हर्ष व्‍यक्‍त करते हुए मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्‍यवाद दिया है। साथ में मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो और गुमला विधायक भूषण तिर्की को कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश की ओर से भी बधाई एवं धन्यवाद दिया गया है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की है कि विभागीय गड़बड़ी में सुधार होने के बाद झारखंड सरकार की ओर से जनजातीय भाषा को प्रोत्साहन देने एवं संरक्षण- संवर्धन करने का उद्देश्य पूर्ण होगा।
रिपोर्ट- अरविंद उरांव
अध्यक्ष- कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश

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