विगत 10 साल से ग्रामीण इलाकों में प्रक़ति की वस्तुओं को देखकर मौसम पूर्वानुमान करने वाले 65 वर्षीय श्री गजेन्द्र उरांव ने साल 2024 का मौसम पूर्वानुमान बतलाया है। उन्होंने कहा कि इस साल 2024 में बरखा तीनों पाली में होगा । इससे फसल अच्छी होगी। ग्रामीण मौसम पूर्वानुमान कर्ता द्वारा बरखा को तीन भाग में विभक्त किया गया है - 1. बुढ़िया करम अर्थात जेठ शुक्ल पक्ष का पहला मंगर से हरियनी पूजा तक अर्थात आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तक 2. हरयनी पूजा से राजी करम अर्थात भादो एकादशी तक 3. राजी करम से सोहराई अर्थात कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया तक। अदृी अखड़ा संस्था, रांची द्वारा विगत एक दशक से इस तरह के मौसम पूर्वानुमान पर न्यूज कवर कर रहा है। उरांव लोगों में इस तरह के मौसम पूर्वानुमान पर गीत गाया जाता है। एक हलवाहा अपने बैल से आसारी राग में गीत गाकर कहता है -
आसारी जोत बरआ लगी भइया रे,
गोला अडृडो एलेचा लगी, रे।।
अम्बय एलचय गोला अड्डो,
पछली बरेखा रअ़ई, रे।।
अर्थात ए हलवाहा बैल, तुम पहली बारिस अर्थात आसाढृ महीने के जोत से इस साल मत डरो, इस साल पछली बरसा अर्थात बरसा का तीसरा भाग में बरसा है। आइये इस संबंध में साल 2024 का ग्रामीण मौसम पूर्वानुमान के बारे में श्री गजेन्द्र उरांव जी से ही विडियों में सुनें -
रिर्पोटर -
डा नारायण उरांव सैन्दा