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5वीं अनुसूची क्रियान्‍वयन को लेकर रांची हाईकोर्ट के सामने पत्‍थलगड़ी करने जुटे आदिवासी

रांची (झारखंड): पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में संविधान सम्‍मत क्रियांवयन करने की मांग को लेकर रांची, खूंटी व गुमला से आये करीब साढ़े तीन हजार आदिवासियों ने यहां डोरंडा स्थित हाईकोर्ट के सामने पत्‍थलगड़ी करने पर अड़ गये। उनकी घंटों प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बहस चली। आंदोलनकारी आदिवासी मांग कर रहे थे कि संविधान के अनुरूप झारखंड के पांचवी अनुसूची क्षेत्र में शासन प्रशासन स्‍थानीय आदिवासियों के हाथ में देना होगा। आंदोलनकारी अपने साथ शिलापट भी लाये थे जिसमें संविधान में पांचवीं अनुसूची की चर्चा का उल्‍लेख था। पुलिस और प्रशासन के घंटों समझाने के बाद आंदोलनकारियों ने कहा कि मंगलवार (23 फरबरी

लॉकडाउन समाप्ति के बाद अब 11 राज्यों में भूख की समस्या, आदिवासी-कमजोर वर्ग शिकंजे में : हंगर वॉच सर्वे

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के पांच महीने बाद भी गरीबों और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के बीच भुखमरी की समस्या गंभीर बनी हुई है। भोजन का अधिकार अभियान द्वारा कुछ गैर-सरकारी संगठनों के साथ प्रकाशित ‘हंगर वॉच’ रिपोर्ट के मुताबिक देश के कम से कम 11 राज्यों के लोगों को इस संकट का सामना करना पड़ रहा है।

ये सर्वे सितंबर और अक्टूबर, 2020 के बीच कराया गया था और इसमें 3,994 लोग शामिल हुए थे। इसमें से ज्यादातर लोगों की सैलरी 7,000 रुपये प्रति महीने से कम थी।

डी डी चैनल पर प्रसारित हुआ कुंडुख स्कूल मंगलो पर बना डाक्यूमेंट्री

दिनांक 20/08/2025 को DD NATIONAL, चैनल   पर समय 6:00pm बजे शाम  में कुँडुख भाषा एवं  कुंडुख स्कूल मंगलो पर बना डाक्यूमेंट्री फिल्म को भारत के गाँव का सबसे बड़ा ग्रामीण शो के रूप प्रसारित किया गया। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। आगे कुँडुख़ भाषा का  प्रचार-प्रसार के लिए  समाज से और अधिक सहयोग की अपेक्षा करते है । कुँडुख़ भाषा को बचाना -इतनी जरूरी है , अब मैं और अधिक गहराई से समझ पा रहा हूँ। 

Kurukh Training Program at Jalpaiguri (WB)

Kurukh Literary Society of India, kolkata chapter organized and coducted Kurukh Training Program w.e.f. 16.07.2025 to 30.07.2025 for the promotion preservation of Kurukh language at Mal Bazar, Jalpaiguri, WB. Program was inaurated by honourable mininster in charge, tribal development department, govt. of WB Shri Bulu Chik Baraik. Initially 90 people registered for training but only 73 people appeared for the Test and certificate was given to these people only.

आदिवासी महिलाओं का पैतृक संपत्ति पर सम्मान अधिकार पर चर्चा संपन्‍न

राम चरण बनाम सुखराम के हालिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा "आदिवासी महिला का पैतृक संपत्ति में सम्मान हिस्सेदारी" की बात की है. इस फैसले पर आदिवासी महिलाओं का विचार जानने हेतु , "टीम धुमकुड़िया"  और "अंतरराष्ट्रीय कुँड़ुख़र समाज" द्वारा संयुक्त रूप से 26.7.2025 दिन शनिवार समय शाम 7:45 से रात्रि 10:30 तक एक ऑनलाइन परिचर्चा  का विचार विमर्श आयोजन किया गया . इसमें, आदिवासी समाज से  कई  विशिष्ट महिलाओं को मुख्या वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया. इस परिचर्चा में आदिवासी समुदाय के  बुद्धिजीवी, सामाजिक  कार्यकर्ता, एक्टिविस्ट, जुड़े और महिलाओं का विचार सुना. 

डॉ. सोनाझरिया मिंज आवंड़ाटोली, चैनपुर, गुमला  से यूनेस्‍को तक

डॉ. सोनाझरिया मिंज एक प्रसिद्ध आदिवासी विद्वान, अकादमिक, और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो झारखंड के गुमला जिले के ओरांव जनजाति से हैं। उनका जन्म दिसंबर 1962 में हुआ था, और वे वर्तमान में नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम्स साइंसेज की प्रोफेसर हैं। उनकी कहानी संघर्ष, प्रेरणा, और सफलता से भरी हुई है, खासकर आदिवासी और महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में, यहाँ उनके जीवन, शिक्षा, करियर, और योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 1.जन्म और परिवार:

रूढ़ी-प्रथा के अन्तर्गत ग्रामसभा एवं पड़हा के कार्यकारिणी सदस्य - कौन और कैसे ?

ज्ञात हो कि रूढ़ीप्रथा ग्रामसभा पड़हा बिसुसेन्दरा, सिसई-भरनो, गुमला (झारखण्ड) द्वारा विगत 13 वर्षों से रूढ़ीप्रथा में प्रचलित सामाजिक मान्‍यताओं  को लिखित रूप में संकलित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अग्रेतर  क्रियान्वयन में परम्परागत ग्रामसभा पड़हा बिसुसेन्दरा 2020 के लिखित प्रतिवेदन के कंडिका -  9, 10, 11 को सामाजिक आधार मानकर   डॉ0 रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, रांची (झारखण्ड) की विशेष कमिटि द्वारा प्रथागत आदिवासी समाज में विवाह विच्छेद (तलाक) विषयक मन्तव्य वर्ष 2021 में माननीय हाईकोर्ट, रांची को समर्पित किया गया है।

तीन दिवसीय आदिवासी सरना युवा प्रशिक्षण शिविर सराजपुर, सुंदरगढ़, उड़ीसा में सम्‍पन्‍न

 दिनांक  13,14 और 15 जून 2025 को तीन दिवसीय आदिवासी सरना युवा प्रशिक्षण शिविर स्थान - सराजपुर, सुंदरगढ़, उड़ीसा में सम्‍पन्‍न हुआ। इस शिविर में शामिल होने के लिए मैं 24 घंटे  में 605 किलोमीटर का दूरी तय करके  प्रशिक्षण शिविर स्थान पहूंचा । इसके लिए मैं झारखण्‍ड के गुमला जिला के  बिशनपुर थाना के सखुवा टोला गांव से 145 किलोमीटर की दूरी स्‍कूटी से तय करके  रांची पहूंचा । फिर  130 किलोमीटर की दूरी तय करके  रांची से टाटा पहूंचा। उसके बाद टाटा से झारसुगुड़ा  260 किलोमीटर की दूरी रेलगाड़ी से तय किया ।  उसके बाद झारसुगुड़ा से 40 किलोमीटर दूरी तय कर सुन्‍दरगढ़ पहूंचा। फिर सुन्‍दरगढ़ से 30 किलोमीटर क

कुंडुख़ भाषा संस्‍कृति परम्‍परा ग्रामसभा विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्‍न

दिनांक - 21.02.2025 से 23.02.2025 को (कुंडुख़ उरॉंव) समाज के लोगों के बीच में
कुड़ुख़ भाषा संस्‍कृति परंपरा, ग्राम सभा विषयक कार्यशाला सम्पन्न हुआ। यह कार्यशाला टाटा स्टील फाउण्डेशन के सौजन्‍य से आयोजित हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन, कुड़ुख़ भाषा सांस्‍कृतिक पुनरुत्थान केन्द्र बम्हनी, गुमला तथा अददी कुड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रॉंची के संयुक्त संयोजन में किया गया।
पूरी रिपोर्ट पढि़ये नीचे पीडीएफ में.. 

कुड़ुख़ भाषा संस्‍कृति परंपरा, ग्राम सभा विषयक कार्यशाला संपन्‍न

दिनांक - 21.02.2025 से 23.02.2025 को कुड़ुख़ (उरांव) समाज के लोगों द्वारा कुड़ुख़ भाषा संस्‍कृति परंपरा, ग्राम सभा विषयक कार्यशाला टाटा स्टील फाउण्डेशन के सौजन्न्य से सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन कुड़ुख़ भाषा सांस्‍कृतिक पुनरूत्‍थान केंद्र बम्हनी, गुमला तथा अद्दी कुड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची के संयुक्त संयोजन में किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिवस दिनांक 21.02.2025 को दूर-दराज से आए उरॉंव समाज के लोगों द्वारा कार्यक्रम में परिचर्चा का विषय निर्धारित किया गया। ग्राम वासियों ने ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए परिचर्चा करने के लिए विषय चुना गया। कार्यशाला के दूसरे दिन दिनांक