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Kurukh Training Session at Kolkata

Refresher Training program on kurukh Language, 2024 was held from 19.03.2024 to 20.03.2024. This training program was organised by Cultural Research Institute, Kolkata, Govt of West Bengal in collaboration with Kurukh Literary Society of India Kolkata Chapter and this was sponsored by Tribal Development Department, Govt of WB. This program was held at Sidhu Kanu Bhavan, Salt Lake, Kolkata. In this program 32 Kurukh trainees participated from all over South Bengal who were previously participated in the primary level training program.

अंतर्राष्ट्रीय धावक बुधवा उरांव को अद्दी अखड़ा रांची की ओर से श्रद्धांजलि

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय धावक बुधवा उरांव नही रहे लम्बे समय तक उन्होंने एथेलेटिक्स में देश और दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व किया वर्ष 1985 में मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में 800 मीटर के दौड़ में आभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए भारत को पदक दिलाया था 1986 के ओलम्पिक क्वालीफायर में 800 मीटर के दौड़ में तकनीकी के कारण ओलम्पिक में डिसक्वालीफाई कर गए थे ।1986 के ही एशियन गेम्स में 800 मीटर के दौड़ में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता । फिर वर्ष 1987 ढाका में आयोजित साउथ एशियन गेम्स 800 मीटर दौड़ में नया राष्ट्र रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता ।। वर्ष 1989 में कनाडा में आयोजित वर्

रांची विश्‍वविद्यालय पाठ्यक्रम में कुंड़ुंख भाषा व तोलोंग सिकि को शामिल करने पर सहमति नहीं बनी

रांची: कुंड़ख भाषा एवं इसकी लिपि 'तोलोंग सिकि' को विश्‍वविद्यालय स्‍तर के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने को लेकर उद्वेलित  कुंड़ुख भाषा-भाषी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों रांची विश्‍वविद्यालय के कुलपति से भेंट की। कुलपति ने विषय को गंभीरता से लेते हुए एक मार्च 2024 का दिन तय किया और प्रतिनिधिंडल को बताया कि उस दिन कुंड़ुख समाज के लोग एवं विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा विभाग के शिक्षाविदों के बीच इस विषय पर एक बैठक होगी। तय समय पर हुई इस बैठक में कुड़ुख भाषा एवं उसकी लिपि तोलोंग सिकि को विश्‍वविद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल करने पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। इसमें क्षेत्रीय एव

कुंड़ुंख भाषा की लिपि तोलोंग सिकि को बीए/एमए में शामिल करने हेतु Ranchi Univ के VC से मिला आदिवासी प्रतिनिधिमंडल

BA एवं MA के कुँडुख़-भाषा विषय के पाठ्यक्रम में कुँडुख़ भाषा की लिपि तोलोंग-सिकि को शामिल कराने तथा पठन- पाठन कराने के लिए  पारंपारिक स्वशासन पड़हा व्यवस्था गुमला, लोहरदगा, रांची के बेल राजाओं एवं सदस्यों ने कुलपति, रांची विश्वविद्यालय (रांची) से मुलाकात की। कुलपति महोदय ने अपनी व्‍यस्‍तता के बावजूद काफी समय निकाल कर प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। कुलपति महोदय ने बताया कि महामहिम राष्‍ट्रपति के झारखंड आगमन को लेकर उनकी व्‍यस्‍तता काफी बढ़ी हुई है। बावजूद इसके कुलपति ने यह आश्‍वासन जरूर दिया कि वह जल्‍द ही पुन: इस प्रतिनिधिमंडल के साथ 01 मार्च को बातचीत करके मामले का समाधान निकाल लेंगे। हालांकि

क्‍या हेमन्‍त सरकार आदिवासी भाषाओं के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया रखती है?

रांची: झारखंड के आदिवासी चाहते हैं कि उनके बच्‍चों को अंग्रेजी, हिन्‍दी के अलावा अपनी मातृभाषा (आदिवासी) भी पढ़ना अनिवार्य किया जाए। जबकि झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने एक अधिसूचना जारी करके आदिवासी समाज में उबाल जा दिया है। इस बाबत आदिवासियों की चर्चित स्‍वयंसेवी संस्‍था 'अद्दी अखड़ा (अद्दी कुंड़ुख चा:ला धुमकुडि़या पड़हा अखड़ा)' ने मुख्‍यमंत्री को एक पत्र लिखकर तुरंत मध्‍यस्‍तता की मांग की है।

डॉ नारायण उरावं की मां सामाजिक कार्यकर्त्‍ता  फूलमणि उरावं नहीं रहीं, 85 वर्ष में निधन

सिसई (गुमला) की बहुप्रतिष्ठित कार्यकर्ता श्री मती फूलमणि उरांव नहीं रहीं। 85 वर्ष की उम्र में उन्‍होंने अपने  सैन्‍दा स्थित  आवास में 12 नवंबर 2023 रात्रि साढ़े ग्‍यारह बजे अंतिम सांस ली ।  मौके पर  उनके पुत्र डॉ नारायण उरांव व दो पौत्र मौजूद थे। स्‍व. फूलमणि अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं।  बेटिंया श्रीमती नइमी उरांव, श्रीमती सोहादरी उरांव, श्रीमती  सरोज उरांव, श्रीमती रत्‍ना उरांच व डॉ बैज्‍यंती उरांच सहित समूचा परिवार शोकाकूल है।
ज्ञात हो कि स्‍व फूलमणि उरांव  कुंड़ुंख भाषा की लिपि तोलोंग  सिकि के अविष्‍कारक  डॉ नारायण उरावं की मां थीं। 

रामवृक्ष किण्डो को विनम्र श्रद्धांजलि 

यह दुखद समाचार है कि ‘‘बुदो उराँव पब्लिक स्कूल, हहरी (कुँड़ुख़ इंग्लिस मिडियम स्कूल)’’ के संस्थापक सह निदेशक स्व० रामवृक्ष किण्डो, हम सबों के बीच नहीं रहे। उनका निधन दिनांक 03.09.2023, दिन रविवार को रात्रि में हुआ और दिनांक 04.09.2023 को उनका अंतिम संस्कार उनके पैत्रिक गांव ईचा बेती, घाघरा (गुमला) में हुआ। वे  44 वर्ष के थे। वे कैंसर रोग से पीड़ित थे और उनका केमोथेरापि इलाज चल रहा था।

कुंडुख़ भाषा स्‍कूल, मंगलो, सिसई, गुमला नू  विश्‍व आदिवासी दिवस रिझिरनुम मंज्‍जा  

नेड्डा - 09.08.2023 उल्‍ला  बुध गे  को रोपा डण्डी घी सा-हे तली  कार्तिक उरांव आदिवासी कुंडुख़ लूरकुड़िया  मंगलो,थाना सिसई, जिला गुमला, झारखण्ड नू विश्व आदिवासी दिवस मनाबातारा।  सिसई पहटा ता कुंडुख़ पचगी नैगर अरा माहतोर तेंगनर का कुंडुखर पुरखर घी तिंग्का बेसे  बेड़ा सिरे पाड़ना- बें:नचा नना लगियर। धुमकुड़िया नू पचगी लूरगरियर बारजाचका रहचर का - राजी बहूरा:रना गूटी करम डण्डी बचउ ख़द्दारिन मल्ला पाड़ताअना।  एन्ने नमन पुरखर हूं बरजाचका रहचर। ईर घी पईत्‍तारना रअ्ई का कुंड़खर तंगआ संस्कृतिन बेंड़ाबआ लगनर,अवगें सिरजरनी हूं बेंड़ारआ लगी,बअ़नर  की आननर का कुंड़ख़र बेंड़ारआ लगनर।  अंवगे चें-प हूं बेड़

लोकहित के लिए राजभवन हमेशा खुला है : महामहिम राज्‍यपाल

दिनांक 09.08.2023 दिन बुधवार को महामहिम राज्यपाल का आवास अर्थात राजभवन में विश्व आदिवासी दिवस 2023 हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। ज्ञात हो कि राजभवन में यह आयोजन पहली बार हुआ है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्राध्यापक एवं चिकित्सक लगभग 20-25 की संख्या में आमंत्रित थे। 

अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 सम्पन्न

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 का आयोजन राजा भोज की नगरी भोपाल में  सम्‍पन्‍न हुआ। इस उत्‍सव  का उद्घाटन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अवस्थित रविन्द्र भवन में दिनांक 03 अगस्त 2023 को  महामहीम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू द्वारा किया गया। यह उत्सव 03 अगस्त से 06 अगस्त 2023 तक चला और दिनांक 06 अगस्त 2023 कों देश-विदेश से आये लेखक एवं कवि गणों से खचाखच भरे रविन्द्र भवन में समापन हुआ।