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कुंड़ुखटाइम्‍स.कॉम का प्रथम प्रिंट एडिशन

आपको तो पता है कि कुंड़ुखटाइम्‍स.कॉम लम्‍बे समय से आपको कुंड़ुख जगत की खबरें, सूचनाएं और शोध आदि संबंधित सामग्री ऑनलाइन उपलब्‍ध कराता रहा है। अब ऑनलाइन के अलावा हम इसका प्रिंट एडिशन भी प्रकाशित कर रहे हैं। आशा है आपको पसंद आयेगा। आज प्रस्‍तुत है कुंड़ुखटाइम्‍स.कॉम का प्रथम प्रिंट एडिशन। आप इसे चाहें तो ऑनलाइन पढ़ सकते हैं अथवा पूरा का पूरा अंक डाउनलोड कर सकते हैं। आपकी प्रतिक्रिया हमें प्रेरित करेगी।  

कुंड़ुख भाषा तोलोंग सिकि सप्‍ताह समारोह, बिरसा नगर, जमशेदपुर में सम्‍पन्‍न

दिनांक 12 फरवरी से 20 फरवरी तक चलने वाला कुंड़ुख भाषा तोलोंग सिकि दिवस सप्‍ताह का दूसरा दिन दिनांक 14 फरवरी 2022 दिन सोमवार को पश्चिम सिंहभूम जिला के टाटा लौह नगरी में आदिवासी उरांव समाज समिति, बिरसा नगर, जमशेदपुर में सम्‍पन्‍न हुआ। यह भाषा दिवस, आदिवासी उरांव समाज समिति, बिरसा नगर, जोन न.

बेंगलुरू से छ़ुुड़ा ली गई झारखंड की बंधक बेटियां

मुसाबनी की हुनरमंद अंजली पान अब खुश है। उसकी घर वापसी सुनिश्चित हो गई है। कुछ घंटों में वह अपने परिवार से मिल सकेगी। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने उसे बेंगलुरू से सुरक्षित मुक्त करा लिया है। अंजली पान जैसी ही पोटका प्रखंड की अन्य छह युवतियां अपने घर लौट रही हैं। ये हुनरमंद बेटियां बताती हैं कि उन पर काफी जुल्म ढाये गये। उन्हें बंधक बनाकर रखा गया। न ढंग से रहने की सुविधा दी गयी, न खाने की व्यवस्था।

जमशेदपुर में कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर संपन्‍न

दिनांक 27.09.2021 से तीन दिवसीय कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर, ट्रार्इबल कल्चशर सेन्टर, सोनारी, जमशेदपुर में सम्पंन्न हुआ। यह आयोजन, टाटा स्टील फाउन्डेशन, जमशेदपुर तथा सहयोगी संस्थान अददी कुंड़ुख़ चाला धुमकु‍ड़ि‍या पड़हा अखड़ा, रांची एवं उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर, प.

जंतर मंतर में अलग आदिवासी धर्मकोड के लिए धरना प्रदर्शन संपन्‍न

दिल्ली, जंतर मंतर: 2021 की जनगणना में आदिवासियों के द्वारा अलग धर्म के कॉलम की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति भारत के तत्वधान में भारत वर्ष के तमाम राज्यों व परदेशों से समस्त आदिवासियों ने शिरकत किया और केंद्र सरकार से मांग की गई की 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों को सेपरेट कॉलम ट्राईबल और आठवीं अनुसूची में मुंडारी गोंडी हो और कुरुख भाषा को शामिल करने की मांग की गई जिसे लेकर माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं रजिस्टर ऑफ जनरल को ज्ञापन सौंपी गई ।

5वीं अनुसूची क्रियान्‍वयन को लेकर रांची हाईकोर्ट के सामने पत्‍थलगड़ी करने जुटे आदिवासी

रांची (झारखंड): पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में संविधान सम्‍मत क्रियांवयन करने की मांग को लेकर रांची, खूंटी व गुमला से आये करीब साढ़े तीन हजार आदिवासियों ने यहां डोरंडा स्थित हाईकोर्ट के सामने पत्‍थलगड़ी करने पर अड़ गये। उनकी घंटों प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बहस चली। आंदोलनकारी आदिवासी मांग कर रहे थे कि संविधान के अनुरूप झारखंड के पांचवी अनुसूची क्षेत्र में शासन प्रशासन स्‍थानीय आदिवासियों के हाथ में देना होगा। आंदोलनकारी अपने साथ शिलापट भी लाये थे जिसमें संविधान में पांचवीं अनुसूची की चर्चा का उल्‍लेख था। पुलिस और प्रशासन के घंटों समझाने के बाद आंदोलनकारियों ने कहा कि मंगलवार (23 फरबरी

लॉकडाउन समाप्ति के बाद अब 11 राज्यों में भूख की समस्या, आदिवासी-कमजोर वर्ग शिकंजे में : हंगर वॉच सर्वे

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के पांच महीने बाद भी गरीबों और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के बीच भुखमरी की समस्या गंभीर बनी हुई है। भोजन का अधिकार अभियान द्वारा कुछ गैर-सरकारी संगठनों के साथ प्रकाशित ‘हंगर वॉच’ रिपोर्ट के मुताबिक देश के कम से कम 11 राज्यों के लोगों को इस संकट का सामना करना पड़ रहा है।

ये सर्वे सितंबर और अक्टूबर, 2020 के बीच कराया गया था और इसमें 3,994 लोग शामिल हुए थे। इसमें से ज्यादातर लोगों की सैलरी 7,000 रुपये प्रति महीने से कम थी।

परम्परागत आदिवासी समाज और डिलिस्टिंग विषयक राजनीति

श्री गजेन्द्र उरांव उर्फ नाना जी उम्र 70 वर्ष थाना सिसई जिला गुमला के रहनेवाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। स्कूली शिक्षा में बे 9वीं पास हैं। उनका कहना है कि बचपन में उनके माता पिता स्कूल न भेजकर, बैल-बकरी चराने के लिए भेजते थे। इस कार्य में उनका दिल नहीं लगता था। तब वे बड़े भाई के साथ बोकारो के कोयला खादान में काम करने चले गए। वहां कई साल रहे पर वहां भी खादान के काम में भी मन नहीं लगा। फिर वे वापस गांव चले आए। गांव आकर अपने से 5-6 वर्ष छोटे उम्र के साथियों के साथ गांव के यू0पी0 स्कूल,सैन्दा (सिसई,गुमला) में नामांकन कराये। वहां 5वीं तक पढ़ाई करने के बाद वे राजकीय मध्य विद्यालय,सिसई में दाखिला

झारखंड में घुसपैठियों के आतंक पर परिचर्चा संपन्‍न आदिवासियों की जमीन और बेटियों की आबरू लूट का मसला

रांची: झारखंड के आदिवासी इलाकों में घुसपैठियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। घुसपैठिये आदिवासियों की जमीन ही नहीं लूट रहे आदिवासी बेटियों की आबरू से लेकर उनकी तस्‍करी तक कर रहे हैं। इसी प्रसंग में विगत रविवार यानी 24 मार्च 2024 को शाम साढ़े सात से साढ़े नौ बजे तक एक परिचर्चा का आयोजन संपन्‍न हुआ। विषय था: "झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सरहद पार घुसपैठियों द्वारा जमीन और बेटियों की मची लूट पर रोकथाम की पहल "

Kurukh Training Session at Kolkata

Refresher Training program on kurukh Language, 2024 was held from 19.03.2024 to 20.03.2024. This training program was organised by Cultural Research Institute, Kolkata, Govt of West Bengal in collaboration with Kurukh Literary Society of India Kolkata Chapter and this was sponsored by Tribal Development Department, Govt of WB. This program was held at Sidhu Kanu Bhavan, Salt Lake, Kolkata. In this program 32 Kurukh trainees participated from all over South Bengal who were previously participated in the primary level training program.