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विश्‍व आदिवासी दिवस 2024 की ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं

आदिवासी समाज अपने संगीत-नृत्‍य के लिये मशहूर है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगभग हर त्‍योहार और खास मौके पर अवश्‍य होता है। खास कर गांवों में तो जैसे यह दिनचर्या है। आज आदिवासी दिवस है। पूरी दुनिया में यह मौका आदिवासियों के लिये खास है। ऐसे में संगीत नृत्‍य न हो यह कैसे संभव है। तो लीजिए आज लुत्‍फ उठाइये आदिवासी नृत्‍य का ।

सरहुल की बहुत बधाई और शुभकामनायें!

देश के आदिवासी बहुल इलाकों में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया। झारखंड की राजधानी रांची में सड़कों पर पुरूष महिलाओं और बच्‍चों का सैलाब नजर आया। आपको भी सरहुल की बहुत बधाई।

समाज के उत्‍थान के लिये धुमकुड़िया पर वृहत शोध की आवश्‍यक्‍ता है : एक परिचर्चा

रांची: शुक्रवार, 07 जुलाई को रामकृष्‍ण मिशन विवेकानन्‍द एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिच्‍युट के सभागार में 'Significance of Dhumkuria' विषय पर पैनल चर्चा हुई। यह परिचर्चा इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कलाकेंद्र रांची द्वारा आयोजित की गई थी। इस आयोजन में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन आश्रम रांची के माननीय सचिव स्वामी भवेशानन्द जी थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में  साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी  नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो जी उपस्थित थे। इस परिचर्चा के मुख्य वक्ता इतिहासकार डॉ० दिवाकर मिंज कुँड़ुख ;उराँव भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के जनक डॉ० नारायण उराँव एवं पत्रकार श्री गौतम चौधरी थे।  इस परिचर्चा के

पारम्परिक मौसम विज्ञानी द्वारा मानसून का पूर्वानुमान : 2023 के लिए

गुमला : जिला, सिसई : थाना के सैन्दा ग्राम निवासी श्री गजेन्द्र उराँव, पिता स्व0 डुक्का उरांव, उम्र 67 वर्ष द्वारा दिनांक 28 मई 2023, दिन रविवार को बिशुनपुर (गुमला) में वर्ष 2023 का मानसून पूर्वानुमान किया गया। श्री गजेन्द्र उरांव विगत 10 वर्षों से लगातार परम्परागत तरीके से बोये जाने वाले धान के बीज को देखकर, मानसून पूर्वानुमान किया करते हैं, जो लगभग खरा उतर रहा है। उराँव परम्परा के मानसून पूर्वानुमान में पूरे मानसून को तीन चरण में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण - पच्चो करम से हरियनी पूजा तक। दूसरा चरण - हरियनी पूजा से करम पूजा तक तथा तीसरा चरण - करम पूजा से सोहरई पूजा तक। परम्परागत आदिवासी

डॉ करमा उरांव नहीं रहे

रांची: झारखंड के जाने माने शिक्षाविद डॉ करमा उरांव नहीं रहे। रविवार (14 मई 2023) सुबह उनका निधन हो गया। डॉ करमा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हफ्ते में दो बार डायलिसिस चलता था। वे डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीडि़त थे। गत वर्ष कोरोना काल में उनके बड़े बेटे का देहांत हो गया था। डॉ करमा अपने परिवार के साथ मोराबादी स्थित आवास में रह रहे थे। वह अपने पीछे अपनी पत्‍नी, छोटा पुत्र और पुत्री (विवाहिता) छोड़ गये हैं। बड़े बेटे की पत्‍नी और पौत्र मुंबई में रहते हैं। यह जानकारी डॉ करमा के परिचितों से मिली है। उनके निधन पर झारखंड और आसपास के राज्‍यों में, खासकर आदिवासी समाज में, शोक व्‍याप गया है। डॉ करमा

साहित्‍य अकादमी का सदस्‍य चुने जाने पर महादेव टोप्‍पो का आदिवासी समाज द्वारा जोरदार अभिनंदन

झारखंड की माटी के साहित्‍यकार: कवि, लेखक, अभिनेता व पूर्व बैंककर्मी महादेव टोप्पो को साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) का सदस्य के रूप में मनोनयन किये पर आदिवासी समाज की ओर से जोरदार अभिनंदन किया गया। 05 मार्च 2023 को करमटोली (रांची) स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास के पुस्तकालय भवन भवन में दर्जनों संस्‍थाओं के प्रतिनिधियों एवं स्‍थानीय युवक-युवतियों ने महादेव टोप्‍पो और उनकी धर्मपत्‍नी को पुष्‍पगुच्‍छ, झारखंडी परिधानों एवं संस्‍कारों के साथ सम्‍मानित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक मंडल में शामिल थे, डॉ. नारायण उराँव, सैंदा, डॉ. नारायण भगत, नागराज उराँव,  डॉ.

धुमकुड़िया महबा उल्ला (धुमकुड़िया गौरव दिवस) सम्पन्न

दिनांक 05/02/2023 दिन  रविवार को थाना सिसई, जिला गुमला के ग्राम सैंदा में धुमकुड़िया महबा उल्ला (दिवस) का आयोजन किया गया। इस आयोजन में गाँव के देबीगुड़ी (देवी मां) में छोटे छोटे  बालक बलिकाओं को विधिवत पूजा अर्चना करा कर धुमकुड़िया में प्रवेश दिलाया गया। वहीं शादी का रिश्ता तय हुआ लड़का श्री ऋषभ उरांव को धुमकुड़िया से बिदाई किया गया, जो वर्तमान में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं । इस अवसर पर कानून विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर, ला युनिवर्सिटी, रांची के श्री रामचंद्र उरांव ने कहा कि - धुमकुड़िया, हमारे कुँड़ुख समाज का पहला स्कूल का केंद्र है। उन्होंने कहा कि आदि काल से ही कुँड़ुख समाज के लोग ध

बुदो उराँव पब्लिक स्कूल, हहरी में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता सम्पन्न

दिनांक 15 नवम्बर 2022 दिन मंगलवार को बुदो उराँव मॉडर्न पब्लिक स्कूल, महुगाँव मोड़ हहरी, घाघरा, गुमला में झारखण्ड स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। विद्यालय के प्राधानाध्यापक श्री रामवृक्ष किण्डो द्वारा प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। विद्यालय के सभी छात्रों को चार समूह - 1. वीर बुधू भगत समूह 2. सिनगी दई समूह 3. कार्तिक उराँव समूह 4.

देश को मिला पहला महिला आदिवासी राष्‍ट्रपति / द्रौपदी की जीत पर..

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के तौर पर अपना नाम दर्ज करवा लिया है। मुर्मू की जीत पर देश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में उत्‍साह और आशाओं की लहर व्‍याप गई है। मुर्मू की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचे, वहीं उनके साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नए राष्ट्रपति को बधाई देने पहुंचे।