रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कुँडुख स्कूल, मंगलो, सिसई, गुमला के प्रधानाचार्य श्री अरविंद उराँव एवं उनकी पत्नी श्रीमती शांति उराँव को गणतंत्र दिवस समारोह 2025 में स्पेशल गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह 2025 में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्पेशल गेस्ट के रूप में आमंत्रित किए जाने पर समारोह में शामिल होना मुझ जैसे अदना कुँडुख भाषा एवं इस भाषा की लिपि तोलोंग सिकि को समृद्ध करने में जुड़े एक सहकर्मी के रूप में आजीवन यादगार रहेगा।
ध्यातव्य है कि रक्षा मंत्रालय, द्वारा कई स्वयंसेवी में से मुझे (अरविंद उराँव) और मेरी पत्नी श्रीमती शांति उराँव को भी RDP 2025 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
प्रसार भारती, नई दिल्ली द्वारा हवाई जहाज का टिकट भेजा गया।
मैं अरविंद उराँव और मेरी पत्नी श्रीमती शांति उराँव 25/01/2025 को शाम में राँची से दिल्ली, हवाई मार्ग से दिल्ली पहुंचे और
आज 28/01/2025 को 1:30 बजे हवाई मार्ग से वापस राँची पहुँच गये। तीन दिनों तक का सरकारी आतिथ्य स्वागत, मुझ जैसे छोटे स्वयंसेवी के लिए जीवन में कभी नही भुलने योग्य रहा।
इस जीवन यात्रा के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को मैं सबसे पहले बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ जिन्होने राष्ट्रीय सम्मान देते हुए मुझे और मेरी पत्नी श्रीमती शांति उराँव को स्पेशल गेस्ट के रूप में रक्षा मंत्रालय के द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस परेड 2025 को देखने के लिए अवसर उपलब्ध कराये।
ज्ञात हो कि उराँव आदिवासी समुदाय की अपनी मातृभाषा कुँडुख जो यूनेस्को की सूची में संकटग्रस्त भाषा के रूप में दर्ज़ है के संरक्षण संवर्धन के लिए किये जा रहे सामाजिक प्रयास को जिला प्रशासन द्वारा सराहा गया और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को अनुसंशित किया गया।
यदि उराँव समुदाय को बचाना हैं तो समय रहते सबसे पहले उनकी भाषा को बचाना होगा। मैं गर्व के साथ कह पा रहा हूँ कि देश में पहले ऐसे प्रधानमंत्री मिले हैं जिन्होने विलुप्त होती कुँडुख भाषा के सम्मान को ढूंढ निकालने में पूरे उरांव समुदाय को मदद किये हैं। मैं अरविंद उराँव गर्व महसूस करते हुए कहना चाहता हूँ कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात के माध्यम से से कुँडुख़ भाषा को जीवित करने के लिए इतिहास रच दिया है । माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमें जीवंत प्रेरणा दिया है। न थकेंगे न हारेंगे ,कुँडुख भाषा को जीवित करके रहेंगे। कुँडुख़ भाषा के लिए यह नया जीवन सम्मान है और यह विकसित होकर भारत देश के समाज का अभिन्न अंग होगा।
केन्द्रीय रेल सूचना प्रसारण एवं सूचना व प्रौद्योगिक मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर झारखंड के उराँव समुदाय की कुंडुख भाषा की स्थिति की जानकारी दी गई एवं सेल्फी ली गई।
प्रसार भारती के द्वारा 27/01/2025 को इंडिया गेट के निकट स्थित शहीद स्मारक स्थल का भ्रमण कराया गया । भ्रमण कार्यक्रम से लौटने के बाद गेस्ट हाउस में सुनहरा यादगार पल को लिखित रूप में साझा करने का वक्त मिला । जिसे मैं यादगार के रूप में रख सकूँगा। कुँडुख भाषा की अपनी लिपि-तोलोंग सिकि है।
भारत सरकार एवं राज्य सरकार , कुँडुख़ भाषा एवं इनकी लिपि तोलोंग सिकि का संरक्षण एवं संवर्धन करने में हमारी मदद करती है तो यह हमारे समाज के लिए एक वरदान से कम नहीं होगा। कुँडुख समुदाय चाहती है कि सभी सरकारी विद्यालय, गैर सरकारी विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं धुमकुड़िया में कुँडुख भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन हेतु एक भाषा विषय के रूप में शामिल करते हुए पठन पाठन सरकार के द्वारा प्रारंभ कराया जाए।
31/12/2023 को 108वें एपीसोड में देश के प्रधान मंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से कुँडुख़ भाषा एवं अरविंद उराँव का हकीकत स्टोरी देश दुनिया को बताने का सराहनीय कार्य किया गया था।
अरविंद उरांव
कुड़ुख़ स्कूल, मंगलो।
दिनांक 28.01.2025