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Folklore

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छिन्न-भिन्न होती आदिवासियत

“आदिवासियत” शब्द का मतलब आदिवासी जीवनशैली, संस्कृति, परंपराओं, और जीवन मूल्यों से है जिसे आदिवासी समुदय अपने आत्मीयता में संरक्षित रखते हैं। यह उन समुदायों की पहचान और धरोहर को संदर्भित करता है जो प्राचीन काल से अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं के साथ जुड़े हुए हैं। 
यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार  आदिवासियत को निम्नलिखित बिन्दुओं से परिभाषित कर सकते हैं:
1.    सांस्कृतिक धरोहर: आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर में उनके रिवाज, त्योहार, पारंपरिक नृत्य, संगीत, और कला शामिल हैं। यह धरोहर उनके धार्मिक विश्वासों, मिथकों, और पारंपरिक ज्ञान में भी परिलक्षित होती है।

फग्गु परब अरा डिण्‍डा सिम्‍बाली गही कुंडु़ख़  पुरखा ख़ीरी

(फगुवा परब एवं सेमल पेड़ की पौराणिक  उरांव लोक-कथा) : बअ़नर हुल्लो परिया नु कुँडुख़ खोंड़हा ओंगओल अकय ससईत नु रहचा। ओण्टा सोनो गिधि (WHITE VULTURE) आल जियन केरमे-केरमे पिटा-मुंज्जा लगिया। आद आःलर गही उगता-पगसिन ओन्टे कोहाँ ले सरा-हरा सिम्बाली मन्न नु खोता कमआ लगिया अरा आःलारिन नेप्पा-नेप्पा खोता मइय्याँ पिटा-मोख़ा लगिया। आद 12 चान नू ओंगओल बरअम लबगया अरा आलारिन तंगआ खोता नू पिटा मोंख़ा लगियाा। बअ़नर अदि गही बरचका ख़ोख़ा  एका-एका से उल्ला कट्टा लगिया अन्नेम नितकिम ओरोत आल जिया खोंडहा ती नठारआ लगियर। गोट्टे खोंड़हा नु हुही चूःचकी रहचा का ओन्टा सोनो गिधि बरई दरा ओरोत आल जियन निप्पी-पिसी दरा पिटी

करम पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

झारखंड और आसपास के आदिवासी बहुल इलाकों में मनाया जानेवाला प्रकृति पर्व - करम पूजा - इस वर्ष भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। आप सबको भी कुंड़ुख टाइम्‍स परिवार की ओर से ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं..!

मन्दर बिरो- झारखंड राज्य की पारंपरिक चिकित्सा

'मन्दर बिरो' कुड़ुख शब्द है, जिसका अर्थ है - औषधि द्वारा उपचार करना। पारंपरिक चिकित्सा शैली जिसमें वैद्य ( मन्दर-अख़ 'उस ) द्वारा बीमारी को दूर करने या कम करने के लिए रोगी ( मन्दा ) को जड़ी-बूटी, चूरन या दवा के रूप में औषधि ( मन्दर ) दी जाती है। उपयोग में लाए गए पौधे के भाग एवं तैयारी की विधि ही औषधीय प्रभाव के लिए जवाबदेह हैं। पौधो के संरक्षण के साथ ज्ञान का उपयोग में लाना अति आवश्यक है। भविष्य के विषम परिस्थितियों में मानव जाति की स्वास्थ्य की सुरक्षा का हल प्रकृति से ही प्राप्त होगा। बदलते मौसम और वायुमंडलीय प्रभाव के कारण पौधों की संरचना में बदलाव देखा जा रहा है। जड़ी-बूटी के औषधीय होने

औसत से कम वर्षा होने का पूर्वानुमान का प्रथम भाग सही साबित हुआ

दिनांक 21.06.2022 दिन मंगलवार को उरागन डिप्पा, ग्राम: सैन्दा, थाना: सिसई, जिला: गुमला (झारखण्ड) में पारम्परिक ग्रामीण मौसम पूर्वानुमान कर्ता द्वारा वर्ष 2022 का मौसम पूर्वानुमान किया गया। पारम्परिक मौसम पूर्वानुमान कर्ता श्री गजेन्द्र उराँव, 65 वर्ष, ग्राम: सैन्दा, सिसई (गुमला) तथा श्री बुधराम उराँव, 66 वर्ष, ग्राम: सियांग, सिसई (गुमला) द्वारा अपने पारम्परिक ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर वर्ष 2022 का मौसम पूर्वानुमान का प्रथम भाग सत्य साबित हुआ है।

गुमला मान्‍दर के संबंध में कुड़ुख़ (उरांव) भाषा में लोकगीत 2 admin Tue, 12/17/2024 - 09:00

gumlA mAnwar ke saMbaMW me kuzux (urAEv) lokgiq

  1. o:r - gumlA q Axe:l xe:nway ci ayo go,
    ju:zu jumurkA bwse laggo, re HH2HH

Pe:r - gumlA xe:l xo:terA, yo,
ju:zi CuturkA bese laggi, re HH2HH

 

मान्‍दर के संबंध में कुड़ुख़ (उरांव) भाषा में लोकगीत admin Mon, 12/16/2024 - 22:03

mAnwar ke saMbaMW me kuzux (urAEv) lokgiq

  1. o:r - xe:l niXhay xoterA ju:zi,
    be:cA barLoy kA malA, re HH2HH

Pe:r - barA huE barLon, malA huE barLon.
xe:r ciE:xo bA:ri barLon, re HH2HH

 

सैन्दा गांव की करम कहानी

प्रस्तुत फोटो ग्राम सैन्दा, थाना सिसई, जिला गुमला (झारखंड) के करम परब पूजा-पाठ के बाद विसर्जन के समय का है। गांव के युवक-युवती भादो एकादशी को श्रद्धा भक्ति के साथ करम पेड़ की तीन डाली को लाकर गांव के पहान को सौंपते हैं। गांव के पहान, करम की डाली को श्रद्धा पूर्वक अखड़ा के बीच स्थापित करते हैं और गांव के सभी जनों के लिए करम देव एवं ईश्वरीय शक्ति से प्रार्थना करते हैं। बाद में सभी उपवास किये करमईत गण परम्परागत रूप से पूजा अराधना करते हैं। फिर दूसरे दिन दोपहर के बाद 3-4 बजे विसर्जन के लिए नाचते गाते पानी में बहा दिया करते हैं। विसर्जन के लिए गांव से बाहर पानी में बहाने के लिए ले जाने के समय का

दव ख़ंजपा जिनगी घी : कुंड़ुख कविता

यह कुंड़ुख़ कविता, झारखंड पुलिस सेवा में कार्यरत एक उरांव व्यक्ति की है। उन्होंने अपने समाज के लोगों के दिल को छू लेने वाली कविता लिखी है। यह देवनागरी एवं तोलोंग सिकि, दो लिपि में पठनीय है। आइये आगे देखें और पढ़ें -