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डॉ नारायण उरावं की मां सामाजिक कार्यकर्त्‍ता  फूलमणि उरावं नहीं रहीं, 85 वर्ष में निधन

सिसई (गुमला) की बहुप्रतिष्ठित कार्यकर्ता श्री मती फूलमणि उरांव नहीं रहीं। 85 वर्ष की उम्र में उन्‍होंने अपने  सैन्‍दा स्थित  आवास में 12 नवंबर 2023 रात्रि साढ़े ग्‍यारह बजे अंतिम सांस ली ।  मौके पर  उनके पुत्र डॉ नारायण उरांव व दो पौत्र मौजूद थे। स्‍व. फूलमणि अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं।  बेटिंया श्रीमती नइमी उरांव, श्रीमती सोहादरी उरांव, श्रीमती  सरोज उरांव, श्रीमती रत्‍ना उरांच व डॉ बैज्‍यंती उरांच सहित समूचा परिवार शोकाकूल है।
ज्ञात हो कि स्‍व फूलमणि उरांव  कुंड़ुंख भाषा की लिपि तोलोंग  सिकि के अविष्‍कारक  डॉ नारायण उरावं की मां थीं। 

भंडरा के कुँडुख तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र में  विश्व आदिवासी दिवस सम्‍पन्‍न 

टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर एवं अद् दी अख़डा द्वारा संयुक्‍त संयुक्‍त रूप से संचालित, भंडरा (लोहरदगा) के आशा आदिवासी विद्यालय बलसोता में कुँडुख भाषा तोलोंग सिकि  शिक्षण केन्द्र में विश्‍व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। 09 अगस्‍त, बुधवार को स्‍कूल परिसर में आदिवासी पेंटिंग प्रतियोगिता, ड्रेस प्रतियोगिता, निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 
- आदिवासी पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम - ज्ञानदीप उराँव, द्वितीय - सोनाक्षी उराँव , तृतीय - वर्षा भगत,
- आदिवासी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम - स्नेहल उराँव, द्वितीय - जित उराँव , तृतीय - अंकित उराँव,

वीर बुधु भगत कॉलोनी का नामकरण कार्यक्रम संपन्‍न

आज दिनांक -23/7/2023दिन रविवार को आदर्श ग्राम चिरौंदी, रांची में चिरौंदी बाज़ार से पश्चिम क्षेत्र का नामकरण "वीर बुधु भगत कॉलोनी " ग्राम अध्यक्ष सुखदेव मुंडा की अध्यक्षता एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में किया गया । इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम, अमर शहीद वीर बुधु भगत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उसके बाद गाजा-बाजा के साथ वीर बुधु भगत कालोनी का नामकरण का उद्घाटन किया गया। फिर गाजा-बाजा के साथ सभी मोहल्ला में आखिरी गली तक नामकरण का अलख जगाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित ग्रामीणों में सरना समिति चिरौन्दी के उपाध्यक्ष सोमा बांडो, कार्यकारी अध्यक्ष अजय कच्छप, साधु,संतोष उरांव, अमित

शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव नहीं रहे

रांची: झारखंड के जाने माने शिक्षाविद डॉ करमा उरांव नहीं रहे। रविवार (14 मई 2023) सुबह उनका निधन हो गया। डॉ करमा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हफ्ते में दो बार डायलिसिस चलता था। वे डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीडि़त थे। गत वर्ष कोरोना काल में उनके बड़े बेटे का देहांत हो गया था। डॉ करमा अपने परिवार के साथ मोराबादी स्थित आवास में रह रहे थे। वह अपने पीछे अपनी पत्‍नी, छोटा पुत्र और पुत्री (विवाहिता) छोड़ गये हैं। बड़े बेटे की पत्‍नी और पौत्र मुंबई में रहते हैं। यह जानकारी डॉ करमा के परिचितों से मिली है। उनके निधन पर झारखंड और आसपास के राज्‍यों में, खासकर

उरांव समाज में रूढि़गत विवाह व विच्‍छेद और न्‍यायिक चुनौतियां पर प्रो रामचंद्र उरांव का व्‍याख्‍यान 02 अप्रैल को रांची में

रांची: आदिवासी शोध एवं सामाजिक सशक्तिकरण अभियान श्रृंखला के तहत 02 अप्रैल 2023 को रांची (करमटोली) स्थित आदिवासी छात्रावास पुस्‍तकालय में विधिक व्‍याख्‍यान का आयोजन किया जा रहा है। श्रृंखला की इस कड़ी में उरांव समाज के रूढि़गत विवाह अर्थात बेंज्‍जा एवं विवाह विच्‍छेद अर्थात बेंज्‍जा बिहोड़ पर जानेमाने विधि विशेषज्ञ प्रोफेसर रामचंद्र उरांव व्‍याख्‍यान देंगे। प्रो उरांव नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्‍टडी एंड रिसर्च इन लॉ (रांची) में सहायक व्‍याख्‍याता हैं। प्रो उरांव के व्‍याख्‍यानों का वीडियो KurukhTimes.com पर भी उपलब्‍ध है। कार्यक्रम करीब ढ़ाई घंटों का होगा। शुरूआत पूर्वाहन 11 बजे होगी।

तोलोंग सिकि में पठन-पाठन की मांग

यह विडियो, दिनांक 20 अक्टुबर 2022 दिन वृहस्पतिवार को अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा), रांची के अध्यक्ष श्री जिता उरांव द्वारा जारी किया गया है। इस साक्षात्कार में श्री जिता जी के साथ श्री बिपता उरांव कोषाध्यक्ष, अद्दी अखड़ा उपस्थित थे।
 

राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा

दिनांक 18.0.2022 दिन मंगलवार को राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ द्वारा रांची विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में कुंड़ुख़ भाषा विषय के पठन-पाठन एवं विकास हेतु निम्नलिखित मांग की गई -
1. रांची विश्वविद्यालय, रांची में कुंड़ुख़ भाषा का स्वतंत्र पाठ्यक्रम तैयार किया जाए। पाठ्यक्रम समिति (सिलेबस बोर्ड) में 05 सदस्यों को रखा जाए, जिसमें 03 सदस्य पी.एच.डी. उपाधि प्राप्त वाले हों।
2. पीएचडी शोध प्रबंध, अपनी भाषा कुंडुंख (उरांव) भाषा में लिखा जाय।
3. पीएचडी शोध समिति (डीआरसी) में 4 (चार) वरीय प्राध्यापक, जो पीएचडी उपाधि प्राप्त हो, उन्‍हें रखा जाय।

आदिवासी राष्ट्रपति और आदिवासी गांव-समाज -सालखन मुर्मू

देश ने एक आदिवासी संताल महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर एक नया इतिहास बनाया है। दुनिया के सर्वाधिक बड़ी गणतंत्र भारत ने मिसाल कायम किया है। जो 200 वर्षों में भी अमेरिका नहीं कर पाया है। देश के लिए गर्व और सम्मान की  बेला है। परंतु आदिवासी समाज के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक समृद्धि का जड़ उनका गांव- समाज है। जहां परंपरा के नाम पर कतिपय कुव्यवस्था, कुप्रथा, कुरीतियां अभी भी विद्यमान हैं। जहां आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रुल सिस्टम (TSRS) में जनतंत्र और संविधान लागू नहीं है। गांव-समाज का राष्ट्रपति या ग्राम प्रधान (माझी बाबा) सबकी सहमति से नहीं वंशानुगत नियुक्त होता है और ज

अद्दी कुंड़ुख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा) संस्था अब नये कार्यालय में

दिनांक 05.04.2022 दिन मंगलवार को अद्दी कुंड़ुख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा), झारखण्डं, संस्था का कार्यालय, नये पते पर स्थानांतरण करने की प्रक्रिया पूरी की गई। अब अद्दी अखड़ा का नया कार्यालय पता - तोलोंग मचा, बोड़ेया रोड, नगड़ा डिप्पा, चिरौन्दी, थाना : बरियातु, जिला : रांची (झारखण्ड) है। नये कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर अद्दी अखड़ा के अध्यमक्ष श्री जिता उरांव, संयोजक डॉ. नारायण उरांव, भारत पेट्रोलियम के पूर्व चीफ मैनेजर श्री अजीत टोप्पो, श्रीमती सीता अंजना टोप्पो, गोस्सनर कॉलेज, रांची की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ.