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गुमला मान्‍दर के संबंध में कुड़ुख़ (उरांव) भाषा में लोकगीत 2

gumlA mAnwar ke saMbaMW me kuzux (urAEv) lokgiq

  1. o:r - gumlA q Axe:l xe:nway ci ayo go,
    ju:zu jumurkA bwse laggo, re HH2HH

Pe:r - gumlA xe:l xo:terA, yo,
ju:zi CuturkA bese laggi, re HH2HH

 

  1. o:r - kahAE sirjalA ayo mAti kerA mAnwerA,
    kahAE sirjalA maTA Keiz HH2HH

Pe:r - gumlA sirjalA ayo, mAti kerA manwerA,
GAGrA sirjalA maTA Keiz HH2HH

 

  1. o:r - gumlA q Axe:l xe:nway ci ayo go,
    ju:zu jumurkA bwse laggo, re HH2HH

Pe:r - gumlA xe:l xo:terA, yo,
ju:zi CuturkA bese laggi, re HH2HH

 

  1. o:r - gumlA qA xe:l barLA lagi BaiyA re,
    hakanwArnum barLA re HH2HH

Pe:r - xe:l gahi hahasan menar ki BaiyA go,
pelar-joExar riryArLA lagenar] re HH2HH

गुमला मान्दर के संबंध में कुड़ुख़ (उराँव) लोक गीत
    (मान्दर को कुड़ुख़ भाषा में ख़ेःल कहा जाता है)

1.    ओःर -    गुमला ता ख़ेःल खेन्दय ची आयो गो,
             जूड़ी जुमुरका बेसे लग्गो, यो।
           जूड़ी जुमुरका बेसे लग्गो।

    फेःर -    गुमला ता खेल ख़ोटेरा अयो गो, 
        जूड़ी छुटुरका बेसे लग्गी, यो।
        जूड़ी छुटुरका बेसे लग्गी।
    (भावार्थ हिन्दी - 1 ओःर - गुमला मान्दर खरीद दो माँ,
                    मेरी प्रियतम साथ में है वैसा आभास होगा।
          फेःर -  गुमला मान्दर फूट गया माँ,
                    मेरी प्रियतम बिछड़ गई वैसा लग रहा है।)

2.    ओःर -    कहाँ सिरिजला अयो माटी केरा मन्देरा,
        कहाँ जिरिजला मठा खेइड़, हाइरे।
        
    फेःर -    गुमला सिरिजला आयो माटी केरा मन्देरा,
              घघरा सिरिजला मठा खेइड़।
    (भावार्थ हिन्दी - 2 ओःर - ए माँ, यह मान्दर का सिरजन कहां हुआ है,
                    और यह मठा नृत्य का कहाँ सिरजन हुआ।     
                  फेःर -    गुमला में यह मान्दर का सिरजन हुआ है,
                     और यह मठा नृत्य घाघरा में सिरजन हुआ।)

3.    ओर -    गुमला ता ख़ेःल बरआ लगी भइया रे, 
        हकन्दारनुम बरआ लगी, रे।
        हकन्दारनुम बरआ लगी।

       फेःर -     ख़ेःल गही हहसन मेनर की भइया रे
        पेल्लर-जोंखर रिरयारआ लगनर, रे।
        पेल्लर-जोंखर लपसारआ लगनर, रे।

    (भावार्थ हिन्दी - 3 ओःर - गुमला से मान्दर मान्दर आ रहा है, ए भाई,
                    हुंकार भरते हुए आ रहा है     
              फेःर -    गुमला मान्दर का आवाज सुनकर, ए भाई,                     
                    लड़के-लड़कियाँ मस्ती में झूम रहे हैं।)

4.    ओर -     गुमला ता खेल अखेड़ा नु ख़रख़ी
        एड़पा नु पेलो सपड़ारई, रे।

    फेःर -    सपड़ारर की बरय जूड़ी,
        निहरी निहारी भेजा बेःचोत रे।
    (भावार्थ हिन्दी - 4 ओःर - गुमला का मान्दर अखड़ा में बजता है
                      प्रियेतमा घर के अन्दर श्रृंगार कर रही है।
              फेःर -    श्रृंगार करके आओ प्रियेतमा,               
                      साथ में,  झूमकर नृत्य करेंगे।)

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