नयी शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं का स्थान
सार: किसी भी भाषा के लुप्त होने या उसके संकटग्रस्त श्रेणी में आ जाने के परिणाम बहुत दूरगामी होते हैं। भाषा का एक-एक शब्द महत्त्वपूर्ण होता है। प्रत्येक शब्द अपने पीछे संस्कृति की एक लंबी परंपरा को लेकर चलता है। इसलिए भाषा लुप्त होते ही संस्कृति पर खतरा मंडराने लगता है। संस्कृति और उस भाषा के संचित ज्ञान को बचाने के लिए भाषा के संरक्षण की बहुत आवश्यकता है। भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया है कि दुर्भाग्य से भारतीय भाषाओं को समुचित ध्यान और देखभाल नही मिल पायी है, जिसके तहत देश ने विगत 50 वर्षों में 220 भाषाओं को खो दिया है। युनेस्को ने 197 भ