पिता की संपत्ति पर बेटी का अधिकार : एक उराँव आदिवासी महिला की कलम से
देश की आजादी के बाद भारत में नया संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और कई पुराने छोटे-बड़े रियासत एक झण्डे के नीचे आ गये। इस नव निर्माण में लोगों के बीच, संविधान बनने के पूर्व से चले आ रहे हिन्दु पर्सनल लॉ, मुस्लिम पर्सनल लॉ, ईसाई विवाह कानुन इत्यादि सामाजिक एवं सम्प्रदायिक कानून नये संविधान में यथावत स्वीकार कर लिया गया। भारतीय जनजाति समूह क्षेत्र में भी 5वीं एवं 6वीं अनुसूचित क्षेत्र के नाम से विषेष प्रशासनिक क्षेत्र निर्धारित किया गया। इन्ही 5वीं अनुसूची क्षेत्र के अन्तर्गत उराँव (कुँड़ुख़) जनजाति के नाम से देश के कई हिस्से में निवासरत है। इनकी अपनी भाषा, लिपि, संस्कृति, रीति-रिवाज, परम्पर