धनबाद:धनबाद में बीसीसीएल के पुटकी-बलिहारी एरिया में कोयला खदान विस्तार के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा पेड़ काटने पहुंची कंपनी की टीम को ग्रामीणों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा। इलाके की सैकड़ों महिलाएं पेड़ों से चिपक गईं। उन्होंने साफ कह दिया कि एक भी पेड़ कटने नहीं दिया जाएगा। नतीजा यह कि कंपनी की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) ने पुटकी-बलिहारी एरिया में डीएवी अलकुसा स्कूल के सामने 25 हेक्टेयर भूमि एक प्राइवेट कंपनी एसटीजी एसोसिएट्स को ओपन कास्ट पैच वर्क के लिए अलॉट किया गया है। इस पैच से 3.15 लाख टन कोयले का उत्पादन होना है।
बताया गया कि पैच को शुरू करने के लिए कुल 1705 पेड़ों की कटाई की जानी है। इनमें से 329 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किये जाने का फैसला लिया गया है। मंगलवार को गोपालीचक कोलियरी प्रबंधन की टीम पेड़ काटने पहुंची तो पर्यावरण बचाओ संघर्ष मोर्चा के लोग और स्थानीय महिलाएं जुट गईं। वे पेड़ों से चिपक गईं और बीसीसीएल एवं आउटसोसिर्ंग कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। ग्रामीणों के विरोध की जानकारी मिलने के बाद धनबाद वन प्रमंडल के डीएफओ ने बीसीसीएल पीबी एरिया के जीएम अरुण कुमार और कोलियरी एजेंट एके वर्मा को धनबाद बुलाया। बीसीसीएल का कहना है कि खदान के विस्तार के लिए पेड़ों को काटने की मंजूरी ली गई है। माइंस मैनेजर अभिराज ने कहा कि जितने पेड़ काटे जाएंगे, उसकी तुलना में 10 गुणा नए पेड़ लगाये जाएंगे या फिर इसकी रकम वन विभाग को दी जाएगी।
बीसीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि खनन स्थल के समीप कंपनी के तीन-चार आवास हैं, जबकि अन्य 90 घर अतिक्रमण कर बनाए गये हैं। ऐसे ही लोग पेड़ काटने का विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ काटे जाने से इलाके के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा।