कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि के विकास का आरंभिक इतिहास
कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि के विकास का आरंभ वर्ष 1989 में हुआ। यह संदर्भ दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल‚ लहेरियासराय (बिहार) में एमबीबीएस कर रहे एक उराँव आदिवासी युवक श्री नारायण उराँव के जीवन संर्घष की कथा से जुड़ा हुआ है। वे वर्तमान में झारखण्ड चिकित्सा सेवा में चिकित्सा पदाधिकारी हैं। वे अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए अपनी शिक्षा संघर्ष की कथा का बयान करते हैं कि किस प्रकार वे एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ–साथ साहित्य सृजन का कार्य करने लगे।