यह विडियो दिनांक 25.05.2025 को शूट किया गया आदिवासी मौसम विज्ञानी श्री गजेन्द्र उरांव उम्र 63 वर्ष ग्राम सैन्दा थाना सिसई जिला गुमला निवासी की है।
मौसम पूर्वानुमान के बारे में उनका पूर्वानुमान विगत 12 वर्षों से सटीक रहा है। पिछले वर्ष 2024 में उन्होंने मौसम पूर्वानुमान में कहा था 2024 में वर्षा तीनों खण्ड में सामान्य है। इस वर्ष 2025 के मौसम पूर्वानुमान में उन्होंने कहा कि 2025 में वर्षा बाद वाले तीसरे खण्ड में अर्थात करम पर्व भादो एकादशी से सोहरई यानि दिवाली के बीच में है। जबकि जिस दिन वे पूर्वानुमान कर रहे हैं उस दिन बरसात जैसा मौसम है और विगत एक सप्ताह से कमोवेश ऐसा मौसम देखा गया है। शायद कई दशक बाद जेठ महीने में लगातार एक सप्ताह से ऐसा मौसम आया है।
दरअसल उरांव समुदाय में मौसम पूर्वानुमान के बारे में मौसमी गीत गाये जाते हैं।
मौसम पूर्वानुमान करने के लिए श्री गजेन्द्र उरांव जी धान बीज के छिलके को हटाकर बारीक अध्ययन करते हैं, उसके बाद अपना वक्तव्य जारी करते हैं।
इस तरह का अध्ययन अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में किया जाता रहा है जिसपर पूरे विश्व में चर्चाएं होती हैं।
काश अपने देश में भी श्री गजेन्द्र उरांव जी के अध्ययन के तरीके पर सरकार या किसी स्वयं सेवी संस्था द्वारा माइक्रोस्कोपिक अध्ययन कराया जाता, जिससे वर्षा पर निर्भर लाखों किसानों को इस तरह के मौसम पूर्वानुमान से लाभ मिल पाता।
रिपोर्ट -
डॉ श्रीमती ज्योति टोप्पो
सहायक प्राध्यापक,
गोसनर कालेज, रांची।