दिनांक 09/08/2024 को बीएस काॅलेज लोहरदगा ऑडिटोरियम सभागार में समस्त आदिवासी संगठन लोहरदगा की ओर से भव्य विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। संजीव भगत पड़हा संयोजक ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरे बुधुवीर सेना को लगाया गया था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य -विभिन्न कुँड़ख़ संगठनो को जोड़ कर अपनी हक-अधिकार ,भाषा-लिपि धर्म- संस्कृति का संरक्षण करना । पड़हा व्यवस्था को मजबूत करना ।,आदिवासियों पर शोषण अत्याचार से रक्षा करना तथा साथ मिलकर त्योहार आदि को मनाना है। कार्यक्रम का नेतृत्व पड़हा दिवान विनोद भगत "हिरही" एवं पड़हा संयोजक संजीव भगत ने किया। 9 अगस्त की तैयारी को लेकर दर्जनो सभाएं किए ,प्रत्येक सभा में विनोद भगत अपने संबोधन में कहते थे। नमन बछरना र'ई होले कुँडुख़ भाखा तिम कच्छनखरना मनो अरा तोलोंग सिकि ती टूड़ना बचना मनो। समाज के लोगों को अपनी भाषा के प्रति जागरूक करना चंद लोगों के ख्याल में है । जिससे अपनी विलुप्त होती कुँडुख़ भाषा को बचाने के लिए एक मुद्दा बनाते हुए विशाल अंदोलन का रूप दिया जा सकता है। ऐसे ही कुँडुख भाषा विचारक - बिरसा उराँव लोहरदगा ने कुँडुख़ भाषा लिपि का विकास , संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर जोरदार तरिके से अपना पक्ष रखें। संजीव भगत ने सभा का संचालन करते हुए विलुप्त होती कुँडुख भाषा की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए बहुत ही भव्य तरिके से सम्मान के साथ मुझे ( अरविन्द उराँव - कुँडुख स्कूल संचालक) मंच पर आमंत्रित करते हुए कहा कि मैं मंच पर ऐसे शख्स को आमंत्रित करने जा रहा हूं जिन्होने विलुप्त होती अपनी कुँडुख़ भाषा को बचाने के लिए कई वर्षो से कड़ी मेहनत कर रहे है। इनके प्रयास से प्रभावित होकर प्रधान मंत्री ने कुँडुख भाषा एवं तोलोंग सिकि का जिक्र करते हुए अरविन्द उराँव के कार्य की सराहना किए हैं। आगे संजीव भगत ने कहा कि पिछले दिन शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालय में कुँडुख शिक्षक के स्थान पर नागपुरी का पद सृजित किया गया था। इसे बचाने के लिए अरविंद उराँव के नेतृत्व में कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखण्ड प्रदेश का गठन कर हमलोग कई विधायको के साथ मुख्य मंत्री को ज्ञापन देकर सर्वे निरस्त कराने का काम किए है। इस कमिटि में मुझे सचिव का पदभार दिया गया है। हमलोंगो ने कमिटि के सदस्यों के साथ विधायक ,सांसद, डीसी, मुख्य मंत्री को ज्ञापन देकर गलत सर्वे को निरस्त कराने के लिए कदम उठाए। ,इसमें बुधुवीर सेना -गुमला, लोहरदगा, पलामू , लातेहार के पदाधिकारियों ने अपने जिला के डीसी को ज्ञापन देकर एकता का परिचय दिये। इन शब्दों के साथ संजीव दादा ने मुझे (अरविन्द उराँव) मंच पर बुलाया एवं तावल तथा पौधा देकर सम्मानित किया गया। मैंने गर्व महसूस करते हुए कहा कि कुँडुख भाषा लिपि का विकास के लिए तब तक नहीं रूकेंगे जब तक कि हर घर मे कुँडुख भाषा जीवित न हो जाए एवं अठवीं अनुसूचि में शामिल न हो जाए ।जिसमें सभी कुँड़ख़र का योगदान आवश्यक होगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न आदिवासी संगठन के पदाधिकारियों एवं विभिन्न प्रशासनिक पदाधिकारी गण इस कार्यक्रम में शामिल हुए।साथ में कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश के सदस्य पंकज उराँव ,बेड़ो ,रोशन उराँव इरगांव रंथु उराँव किस्को ,चमरा उराँव सिसई संजय उराँव भण्डरा, से 11 बाईक के साथ 22 लोग बाईक रैली में शामिल होते हुए 9 अगस्त विश्व आदिवासी लोहरदगा में मनायें।
रिपोर्टर -
अरविंद उरांव
अध्यक्ष, कुंड़ुख़ उरांव भाषा संरक्षण समन्वय समिति, झारखंड
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