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ऐतिहासिक मुड़मा जतरा संपन्‍न

दिनांक 8-9 अक्टूबर 2025 ( झारखंड,राजकीय जतरा/मेला) में अंतरराष्ट्रीय सरना धर्मगुरु श्री बंधन तिग्गा ने घोषणा की "कुँड़ुख़ उराव भाषा की लिपि तोलोंग सिकि को देश के कोने-कोने तक पहुंचने के लिए तथा सामाजिक जन शिक्षा के मध्य के रूप में अनुमोदित एवं लोकार्पित करता हूं"।
 दिनांक 8.10.2025 दिन बुधवार को टीम धूमकुड़िया और अद्दी अखाड़ा टीम के सदस्यों के द्वारा  कुँड़ुख़ भाषा की लिपि तोलोग सिकि  का एक स्टॉल लगाया गया ऐतिहासिक मुड़मा जतरा के मुख्य मंच के सामने मुख्य रूप से स्टॉल में उपस्थित हुए आदिवासी साहित्यकार महादेव टोप्पो अपने परिवार के साथ, डॉ विनीत भगत, डॉ नारायण उरांव, डॉ वैजयंती टोप्पो, शिव शंकर उरांव, नीतू साक्षी टोप्पो🇮🇳 ऐतिहासिक मुड़मा जतरा  40  पड़हा के पहानो द्वारा विधिवत पुजा उद्घाटन करने के बाद मुख्य मंच में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, लोहरदगा लोकसभा  सांसद सुखदेव भगत, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, जिला परिषद रांची जिला अध्यक्ष निर्मला भगत,कुँड़ुख़ भाषा की लिपि  तोलोग सिकि के आविष्कारक डॉ नारायण उरांव 'सैंदा' और मंच में उपस्थित विशेष अतिथि गण जतरा में आए  लाखों लोगों के बीच*सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा के अगुवाई में तोलोग सिकि उद्भव  एवं विकास, पड़ाहा सामाजिक न्याय व्यवस्था, धूमकुड़िया :- आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला, परंपरागत ग्राम सभा  पाड़हा बेलपंच्चा सामाजिक न्याय पंच , पुना चंदो पुस्तक एंव कुँड़ुख़ भाषा की लिपि तोलोंग सिकि का वर्णमाला चार्ट कैलेंडर  लोकअर्पण किया गया। सभी अतिथियों को पुस्तक  भेंट किया गया। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच  डॉ नारायण उरांव 'सैंदा' को सम्मानित किया गया। 
दिनांक 9 अक्टूबर 2025 दिन बृहस्पतिवार को सुबह मुड़मा जतरा शक्ति खूंटास्थल मे पहान और अन्य राज्य से आए उडीसा,मध्य प्रदेश, बिहार,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल,असम देश, नेपाल, भूटान मेहमानों आना आदि प्रार्थना के साथ जतरा का शुरुआत हुआ। लाखों लोगों का जतरा में आना-जाना और प्रदर्शनी होता रहा।
 दोपहर 2:00 के बाद सभी पड़हा खोड़हा दलों का प्रदर्शनी, पड़हा का,गाँवो का प्रतीक चिनखोड़हाहाथी,घोड़ा, बैल, मगरमच्छ, रंपाचंपा, झंडा, लकड़ा, तिग्गा। जतरा नृत्य के साथ वाद्य यंत्र :- मंदर,नगड़ा,ढाक,ढोल झांज, घंटा, ठेस्का, भेर, ढेलमोगरा NH 75 रोड मुड़मा मेन गेट मुख मंच से मुड़मा शक्ति जतरा स्थल की ओर बढ़ते हुए और अपने कर्तव्य नृत्य दिखाते हुए लाखों लोगों जतरा में आए उनका अभिवादन कर रहे थे। मुख मंच में झारखंड सरकार कल्याण मंत्री माननीय चमरा लिंडा जी और कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के साथ  मंच संचालन कर रहे हैं रवि तिग्गा, विद्यासागर केरकेटा, अन्य राज्यों से आए अतिथि गणों ने सभी खोड़हा दलों को अभिनंदन जोहर स्वागत अभिवादन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सरना धर्म गुरु और मुड़मा जतरा का मुख्य संरक्षक संयोजक धर्मगुरु बंधन तिग्गा कुँड़ुख़ भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के जनक डॉ नारायण उरांव 'सैदा सराहनत करते हुए धन्यवाद देते हुए लिपि को पाठ पाठन में शामिल करके भाषा लिपि संस्कृति और साहित्य को आगे बढ़ाने की अपील की साथी साथ आदिवासी समाज के सभी लोगों को आगरा करते हुए सहयोग करने की अपील भी की। सभी अतिथि मंत्री के उपस्थिति में 50 मिनट की डॉक्यूमेंट्री पिक्चर तोलोंग सिकि  लेकिरे बोलती हैं) मुड़मा जतरा में लगे 10 स्क्रीन में एक साथ चलाए गए दिखाए गए इस डॉक्यूमेंट्री को चलाने के लिए टीम धूमकुड़िया के सदस्य डॉ विनीत भगत का बहुत बड़े योगदान रहडॉ 🇮🇳दिनांक 10 अक्टूबर 2025 को शिक्षाविद डॉ करमा उरांव की धर्मपत्नी शांति उरांव मुड़मा जतरा के समापन पर विधि व्यवस्था की चर्चा करती हुए सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा और उड़ीसा प्रदेश मणिलाल केरकेटा जी से 
 श्रीमती शांति उरांव जी ने "कहां की कुँड़ुख़ भाषा की अपनी लिपि है इससे सभी को मिल जुल कर आगे बढ़ना चाहिए डॉ नारायण  उरांव 'सैदा' ने कुँड़ुख़ /उराव भाषा के लिए एक अनमोल,तोलोग सिकि, लिपि को आदिवासी समाज के लिए उपहार में दिया है"। 
 

रिपोर्टिंग :-
शिव शंकर उरांव 
शोधार्थी
कुँड़ख़ विभाग रांची यूनिवर्सिटी
एंव टीम धूमकुड़िया कोऑर्डिनेटर
राष्ट्रीय प्रवक्ता:-RACS
 

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