रांची: झारखंड की उप राजधानी दुमका में आदिवासी महिला के गैंग रेप का मामला आक्रोशित करनेवाला है। एक महिला के साथ 17 लोगों ने गैंगरेप किया था। अंधेरा होने की वजह से महिला केवल एक आरोपी को पहचान पायी। उसने आरोपी का नाम रामू मोहली बताया। वह पीड़िता के गांव का ही रहने वाला है।
स्थानीय अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक पीड़िता पति के साथ बाजार से लौट रही थी। उसी दौरान कुछ युवक चाकू की नोक पर उसे जंगल ले गए। पति के हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद बारी-बारी से 17 युवकों ने महिला के साथ बलात्कार किया।
देर रात जब वह घर पहुंची तो उसने गांव वालों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बुधवार को मुखिया, ग्राम प्रधान व गांव की महिलाओं ने मुफस्सिल थाना जाकर पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। खबर लिखे जाने तक एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। दुमका डीआईजी सुदर्शन कुमार मंडल खुद मामले की जांच कर रहे हैं।
मीडिया को दिए बयान में डीआईजी ने बताया कि ‘महिला की मेडिकल जांच करायी गयी है। जांच में क्या सामने आता है, उसके बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकती है कि उसके साथ क्या हुआ है। चूंकि महिला कभी-कभी अपने बयान से पलट भी रही है, ऐसे में पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। उनके मुताबिक पीड़िता पांच बच्चों की मां है।’
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता के पति ने बताया कि हरेक मंगलवार को घासीपुर गांव में हाट-बजार लगता है। वह पत्नी के साथ रात करीब आठ बजे वहीं से लौट रहा था। रास्ते में नशे में धुत्त लड़कों ने उन्हें रोका। उसमें से पांच लड़कों ने उन्हें और दो लड़कों ने पत्नी को पकड़ लिया। बाकी लड़के पत्नी को उठाकर झाड़ियों में ले गए।
पत्रकार से बातचीत में दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि ‘पीड़िता की प्रारंभिक मेडिकल जांच करा ली गई है। इसमें मेडिकल ऑफिसर ने किसी तरह की इंजरी की बात नहीं बताई है। लेकिन महिला के बयान के आधार पर हम कह सकते हैं कि रेप हुआ है। इसी को आधार मानकर जांच भी कर रहे हैं। इसलिए इसके इतर मेडिकल जांच के लिए ही एक विशेष टीम गठित कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट का फिलहाल इंतजार है।’
अंबर लकड़ा ने बताया कि महिला ने जिस आरोपी का नाम बताया है, उसकी गिरफ्तारी हो गई है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भाजपा ने सीएम को घेरा, आरजेडी ने भी की निंदा
इधर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने घटना की कड़ी निंदा की है। बुधवार देर शाम रांची में बीजेपी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री और दुमका से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रही लुईस मरांडी ने हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोला।
उन्होंने कहा कि अगर हेमंत सरकार बलात्कार की घटनाएं नहीं रोक सकती तो चूड़ियां पहन लें। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में संथाल परगना इलाके में महिलाओं के प्रति अत्याचार काफी बढ़ गया है। इस संबंध में दुमका और रांची में एक दिवसीय धरने पर कार्यकर्ता बैठने जा रहे हैं।
हाल ही में हुए उप चुनाव में दुमका से हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विजय हुई थे। इससे पहले इसी सीट से खुद हेमंत सोरेन भी जीत चुके हैं। यह इलाका झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ कहा जाता है।
वहीं पटना में आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि एक आदिवासी क्षेत्र में एक लड़की या महिला के साथ कभी बलात्कार होगा। आदिवासी संस्कृति में कोई बलात्कार नहीं था। लेकिन जब से आधुनिकीकरण के नाम पर उपभोक्तावादी संस्कृति का चलन शुरू हुआ, तब से महिलाओं को उपभोग का वस्तु बनाकर पेश किया। सिनेमा में आइटम डांस हो, विज्ञापन हो, मोबाइल में पोर्न तस्वीरें हों, इस सब ने बलात्कार की मानसिकता को तैयार किया है। आदिवासी समाज में इसका जाना मतलब समाज के अंतिम हिस्से तक चला जाना है। जिसका परिणाम इस तरह की घटना है।
इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी गैंगरेप की इस घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने झारखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर दो महीने में जांच पूरी कर गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश का पालन करने की बात कही है। साथ ही पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
इससे पहले बीते एक दिसंबर को खूंटी जिले में एक आदिवासी नाबालिग युवती के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया था। नाबालिग मेला देखकर घर लौट रही थी, रास्ते में लड़कों ने उसे उठाकर इस घटना को अंजाम दिया। 9 दिसंबर को खूंटी पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में खूंटी के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि इसमें दो नाबालिग और तीन बालिग हैं। सभी आरोपी पीड़िता के पूर्व परिचित हैं। इसके अलावा पीड़िता की अन्य युवकों से भी जान-पहचान थी, जो कि इन युवकों को नागवार गुजरी। बदला लेने के लिए सबने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया।
राज्य में अब तक दर्ज हो चुके हैं 1359 रेप के मामले
झारखंड पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक पूरे राज्य भर में इस साल जनवरी से सितंबर तक कुल 1359 रेप की घटनाएं दर्ज की गई हैं। जनवरी में 151, फरवरी में 142, मार्च में 150, अप्रैल में 104 घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं मई में 169, जून में 176, जुलाई में 141, अगस्त में 160 और सितंबर में 166 मामले दर्ज किए गए हैं।
झारखंड पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक राज्य में 2,938 रेप की घटनाएं दर्ज कराई गई हैं। वहीं महिलाओं के लिए काम कर रही संस्था आली की झारखंड प्रमुख रेशमा के मुताबिक साल 2014 से 2017 तक झारखंड में कुल 4,550 रेप केस दर्ज किए गए थे। यह आंकड़ा उन्होंने झारखंड सीआईडी से प्राप्त किया था। इस लिहाज से देखें तो साल 2014 से 2019 तक कुल 7,488 मामले दर्ज कराए गए हैं।
रेप पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए देशभर में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई है। वेबसाइट पर दुमका वन स्टॉप सेंटर के लिए जारी मोबाइल नंबर पर बात करने पर एक महिला ने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले ही ये प्रभार किसी और को दे दिया है।
एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रेप के कुल मामलों में 94 प्रतिशत मामलों में पीड़िता के जानने वाले ही ऐसा करते रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में देशभर में रेप के मामलों में 7।0 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं साल 2018 में पूरे देश में कुल 34,000 रेप के मामले दर्ज किए गए हैं। यानी हर 15 मिनट पर एक महिला का रेप हो रहा है। इसमें 85 प्रतिशत मामले में लोगों को आरोपी बनाया गया। लेकिन मात्र 27 प्रतिशत मामलों में ही सजा हो पाई।