रांची : झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत रंका के सिंजो गांव निवासी पैंतीस वर्षीय हीरामन कोरवा ने आदिवासी भाषा कोरवा की डिक्शनरी तैयार की है।
हीरामन को भाषा समझने में दिक्कत हुई तो स्वयं एक शब्दकोष बनाने का ख्याल आया। 50 पन्ने की इस डिक्शनरी का नाम है “कोरवा भाषा शब्दकोष’। इसी साल नवंबर में झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने लोकार्पण किया था। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में हीरामन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हीरामन के इस शब्दकोष से झारखंड और छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्र के लोगों को काफी मदद मिलेगी। इस तारीफ के बाद हीरामन देशभर में चर्चित हो गया है।
गरीब किसान के घर पैदा हुए हीरामन ने इंटर तक पढ़ाई की है। गांव के प्राइमरी स्कूल में पारा शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि शब्दकोष बनाने में 12 साल लगे। दिसंबर 2019 में डिक्शनरी लिखनी शुरू की, जो अक्टूबर 2020 में पूरी हुई। डिक्शनरी में रिश्ते-नाते, शरीर के अंगों के नाम, दिन, घरेलू सामग्री के नाम, पशु-पक्षी, वस्त्र, फल, सब्जी, रंग, धातु, खाद्य पदार्थ के नाम के अलावा गिनती भी है।