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राजस्‍थान में भी जोर से उठ रही है आदिवासी धर्म कोड की मांग

राजस्‍थान: राजस्‍थान के डुंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने सदन में कहा कि ये आरएसएस लोग हमें हिन्‍दू बताते हैं.. हम अपने को हिन्‍दू मानने को तैयार नहीं हैं। हमारे ऊपर हिन्‍दू धम मत थोपो!  आदिवासियों की जीवनशैली, परंपरा और खानपान हिन्‍दुओं से अलग है। और, आदिवासी प्रकृति के उपासक हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह आदिवासियों के लिए अलग से धर्मकोड बनाये। (तस्‍वीर: राजस्‍थान में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की.)

घोघरा के बयान पर राज्‍य भाजपा के हिन्‍दू नेता, प्रवक्‍ता इसे बहुसंख्‍यक हिन्‍दू समाज का अपमान बता रहे हैं। यह कहना है भाजपा प्रवक्‍ता रामलाल का। इसके अलावा भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले देश को बांटा अब समाज बांटने पर तुली है। रामलाल का कहना है कि बहुसंख्‍यक समाज पर हमला करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है।

तय हो आदिवासियों का स्‍थान, हिन्‍दू से नहीं आदिवासियों की पहचान

घोघरा के बयान पर कांग्रेस का कहना है जिस तरह अभिव्‍यक्ति की आजादी सभी को है उसी तरह विधायक को भी है। राजस्‍थान में डुंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों में आदिवासियों की बहुतायत है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्‍ता घोघरा के बयान का सीधा समर्थन करने की बजाय यह उनकी व्‍यक्तिगत पीड़ा से उपजा बयान बताते हुए कह रहे हैैं कि कांग्रेस सर्वधर्मसमभाव में‍ विश्‍वास करती है। उसके लिए हिन्‍दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, जैन, बुद्ध आदि सभी एक समान हैं। कांग्रेस सभी धर्मों का आदर करती है। 

इधर टीवी चैनल से बात करते जय आदिवासी संस्‍था के प्रदेश प्रवक्‍ता राजपाल मीणा ने झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन को क्‍वोट करते हुए विधायक घोघरा के बयान को उपयुक्‍त और समय की मांग बताया। केंद्र सरकार को चाहिए कि आदिवासियों की इस पुरानी मांग को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें धर्म कोड देने पर विचार करे। भाजपा के पंकज मीणा का कहना है कि अलग आदिवासी धर्म का दावा विधायक गणेश घोघरा का व्‍यक्तिगत बयान नहीं बल्कि उनके मुंह से कांग्रेस इस विवाद को हवा दे रही है। 

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