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हाई स्कूलों में 03 भाषा शिक्षक बहाली के विरोध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया

दिनांक 28.01.2022 दिन शुक्रवार को हाई स्कूलों में 03 भाषा शिक्षक बहाली के विरोध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। कोरोना महामारी के आवश्यक नियमों का पालन करते हुए, उपायुक्त, गुमला का ज्ञापन, पड़हा धुमकुड़िया एजेरना पिण्डा, सिसई, गुमला द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सिसई के हाथों सौंपा गया। ज्ञापन में निम्नांकित बातें रखी गई -

सिसई ज्ञापन

सेवा में,
    उपायुक्त,
    गुमला, राँची।
विषय - झारखण्ड में आदिवासी भाषा एवं लिपि की पढ़ाई स्कूलों में करायी जाय तथा स्कूलों में 03 भाषा शिक्षक 
    नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने के संबंध में।
द्वारा - प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सिसई, गुमला।
महाशय,
    उपरोक्त विषय के संबंध में कहना है कि हम सभी 5वीं अनूसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत गुमला जिला के सिसई 
    प्रखण्ड क्षेत्र के उराँव (कुड़ुख़) आदिवासी हैं। हमारे क्षेत्र के विद्यालयों में हिन्दी, अंगरेजी तथा कुँड़ुख़ (उराँव) भाषा 
    विषय की पढ़ाई-लिखाई चल रही है। परन्तु दैनिक समाचार पत्र प्रभात खबर, दिनांक 23-01-2022 के माध्यम से ज्ञात 
    हुआ कि 189 स्कूलों में शिक्षकों के 2079 पद सृजित किये गये हैं। उसमें एक स्कूल में 03 भाषा विषय के शिक्षक होंगे। 
    इनमें से हिंदी, अंग्रेजी को आवश्यक विषय माना जाता है। तब तीसरा भाषा विषय क्या - संस्कृत या उर्दू है? वर्तमान में 
    यथा पूर्ववर्ती सरकार में हिंदी, अंग्रेजी के साथ जनजातीय भाषा को भी स्थान दिया गया था। झारखण्ड राज्य आदिवासी 
    बहुल राज्य है जहाँ शिक्षा के प्रति अभिरूचि लाने हेतु मातृभाषा या जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई की व्यवस्था है एवं इसके 
    लिए उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति भी हुई है, जो सराहणीय कदम है।

    परन्तु समाचार पत्र में छपे खबर से सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। झारखण्ड सरकार द्वारा हिंदी, अंग्रेजी 
    के साथ आदिवासी भाषा पढ़ने-पढ़ाने हेतु स्कूलों में स्थान नहीं दिये जाने की नियोजन नीति का हम ग्रामीण विरोध करते हैं। 
    आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा जागृति के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा त्रिभाषा फार्मूला के तहत हिंदी, अंग्रेजी और 
    मातृभाषा के सिद्धांत पर नियोजन नीति तय हो। इसके लिए स्कूलों में 05 भाषा विषय शिक्षक बहाली की हम मांग करते हैं।
    यदि राज्य सरकार द्वारा हिंदी, अंग्रेजी के साथ मातृभाषा पढ़ने-लिखने हेतु अवसर नहीं दिये जाने पर तथा आदिवासी भाषा 
    विषय में शिक्षक बहाली को वंचित किये जाने वाले, वर्तमान सरकार की गलत नियोजन नीति के खिलाफ हम आदिवासी आंदोलन
     के लिए वाध्य हो जाएगें।
    
    प्रतिलिपि -
    महामहीम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षामंत्री एवं आयुक्त दक्षिणी छोटानागपुर, रांची।

                        विनीत 

    अध्यक्ष                     सचिव                     कोषाध्यक्ष

    सदस्यगण 
 

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