दिनांक 24/07/2024 को लोहरदगा कॉलेज हॉस्टल नम्बर 3 में भाषा शिक्षक पद सृजित करने में गड़बड़ी को लेकर बैठक हुई। शिक्षक संजय उरांव ने बैठक की अध्यक्षता की। पद सृजन विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया । पड़हा संयोजक विनोद भगत ने कहा कि कुँडुख भाषा को विलुप्त करने की साजिश बहुत तेजी से चल रहा है। इसे बचाने के लिए कुँड़ख़ भाषा विषय की पढ़ाई-लिखाई हमारी विशिष्ट लिपि तोलोंग सिकि से करना ही पड़ेगा। पहले अपनी लिपि नहीं होने के कारण कुँडुख भाषा विलुप्त होने की स्थिति तक पहुंच गई। लोहरदगा पड़हा देवान संजीव भगत ने कहा कि कुँड़ख़ भाषा को विलुप्त होने से बचाने के लिए और कुँड़ख़ भाषा की अपनी लिपि तोलोंग सिकि का संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के लिए हमने वर्ष 2016 से इस पर काम करना शुरू किया है। नौर पूँप ट्रस्ट के द्वारा वर्तमान में चार कुँडुख़ स्कूल का संचालन हो रहा है जिसमें लगभग कुल 1200 बच्चे अध्ययन कर रहे है जिसकी शिक्षण माध्यम कुँडुख़- इंग्लिश है। पिछले कई वर्षों से यहाँ के बच्चे कुँडुख़ भाषा विषय की परीक्षा के साथ मैट्रिक-इंटर परीक्षा तोलोंग सिकि से लिखते आ रहें हैं । बच्चों के भविष्य का सवाल है। वर्तमान में कुँडुख़ भाषा पद सृजन में गड़बड़ी को लेकर झारखंड के अपने सभी विधायक, संसद, मंत्री एवं मुख्यमंत्री को इस विषय पर ज्ञापन दिया गया है। इसके बावजूद भी यदि इस विषय पर कारवाई नहीं होती है तब 26/07/2024 को आंदोलन करने का संकेत दिया।
उपस्थित हाई स्कूल शिक्षकों ने कहा कि हम सभी कुँड़ख़ शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है। जिस स्कूल मे हम लोगों का नियुक्ति कुँड़ख़ भाषा विषय के लिए हुई थी। अब हमलोगों का स्थानांतरण वैसे स्कूलों में किया जा रहा है जहाँ कुँड़ख़ का पद सृजित नहीं है। इससे साफ मालूम चल रहा है कि कुँड़ख़ भाषा को विलुप्त करने के लिए चौतरफा साजिश रची जा रही है । संतोष उराँव, वीर बुधु भगत सेना प्रवक्ता ने भी पद सृजन पर आंदोलन करने तथा लिपि लागू करने में पर जोर दिया।
बैठक में उपस्थित हाईस्कूल शिक्षक शिक्षिकाएं, कॉलेज के प्रोफेसर, कुँड़ूख भाषा से पी.जी. कि पढ़ाई कर रहे छात्र -छात्राएं , आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष अवधेश उरांव, महादेव उरांव, बिरी भगत , वीर बुधु भगत सेना के प्रवक्ता संतोष उरांव पारंपरिक स्वाशासन पड़हा व्यवस्था के संयोजक विनोद भगत, देवान संजीव भगत उपस्थित हुए और सभा का समापन प्रो. प्रेमचन्द उरांव ने किया।
रिपोर्टिंग
अरविंद उरांव ,अध्यक्ष
कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश।