जमशेदपुर, 15 जुलाई: दिनांक 11 जुलाई 2023 से 15 जुलाई 20213 तक टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची के संयुक्त तत्वावधान में कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण कार्यशाला जमशेदपुर के ट्राईबल कल्चर सेन्टर, सोनारी में सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में झारखण्ड के गुमला,लोहरदगा,रांची,सरायकेला-खरसवां,पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम जिला से एवं बिहार के रोहतास तथा कैमूर जिला से और पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपूर जिला से प्रशिक्षु शामिल हुए थे। इस कार्यशाला में दो खण्ड है - 1. कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण योजना 2. उरांव परम्परागत वाद्य यंत्र मांदर नगाड़ा शिक्षण केन्द्र। कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण योजना के अन्तर्गत कुल 41 सेन्टर एवं सेंटर की देखरेख के लिए 08 संयोजक तथा 01 कार्यालय सहायक हैं। इसी तरह वाद्य यंत्र शिखण योजना में 08 सेन्टर तथा सेन्टर की देखरेख के लिए 01 संयोजक हैं। टाटा स्टील फाउण्डेशन द्वारा इस योजना का नाम एजेरना बेड़ा अर्थात जागने का समय रखा गया है। इस योजना के प्रभारी श्री बिरेन तिउ जी हैं। इसे ट्राईबल आईडेन्टीटी विंग के मैनेजर श्री शिवशंकर कांडेयोंग एवं ट्राईबल आईडेन्टीटी विंग के हेड श्री जिरेन जेवियर टोपनो जी द्वारा देखरेख किया जाता है।
इस योजना का उदेश्य आदिवासी भाषा संस् क्रति एवं लिपि का संरक्षण तथा संवर्द्धन करना है। इस कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में कवि एवं लेखक श्री महादेव टोप्पो, साहित्यकार श्री सरन उरांव, साहित्यकार डॉ श्रीमती शांति खलखो, डॉ श्रीमती बैजयन्ती उरांव तथा तोलोंग सिकि के जनक डॉ नारायण उरांव उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि इस बार बिहार के रोहतास एवं कैमूर जिला में पांच सेन्टर तथा दक्षिण दिनाजुर के बालूरघाट क्षेत्र में तीन सेन्टार चलाने के लिए वहां के लोग सहमत हुए हैं। इस तरह इस कार्यशाला में 59 शिक्षुओं में से 32 पुरूष तथा 27 महिलाएं शामिल थे। अंतिम दिन 15 जुलाई 2023 को सुबह 9.00 बजे कार्यशाला में शामिल सभी प्रशिक्षुओं को टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर की ओर से आयोजकों द्वारा सकुशल वापस भेजवाया गया।
रिपोर्ट -
सुश्री गीता कोया
बिरसा नगर जमशेदपुर