संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 का आयोजन राजा भोज की नगरी भोपाल में सम्पन्न हुआ। इस उत्सव का उद्घाटन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अवस्थित रविन्द्र भवन में दिनांक 03 अगस्त 2023 को महामहीम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू द्वारा किया गया। यह उत्सव 03 अगस्त से 06 अगस्त 2023 तक चला और दिनांक 06 अगस्त 2023 कों देश-विदेश से आये लेखक एवं कवि गणों से खचाखच भरे रविन्द्र भवन में समापन हुआ।
इस उत्सव का दो भाग था। पहला - उन्मेष और दूसरा - उत्कर्ष। उन्मेष का विषय-संदेश -Inernational Literary Festival तथा उत्कर्ष का विषय-संदेश - Festival of Folk & Tribal Expressions था। इस संयुक्त विषय-संदेश उत्सव में 575 लेखकों एवं कवियों का सम्मिलन हुआ तथा 13 देश के प्रतिभागी शामिल हुए और कुल 103 भाषाओं में कविता एवं लेख प्रस्तुत किये गये। इस समारोह के समापन के अवसर पर में साहित्य अकादमी नई दिल्ली के माननीय सचिव ने घोषणा की, कि यह साहित्य उत्सव एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव रहा है, जिसमें 13 देशों से 103 भाषा के 575 प्रतिभागी शामिल हुए।
झारखण्ड प्रदेश से आदिवासी समुदाय में से कुँड़ुख़ (उराँव), मुण्डा, खड़िया, हो, संताल, असुर, भूमिज इत्यादि के लेखक एवं कवि शामिल हुए। कुँड़ुख़ (उराँव) भाषा से श्री महादेव टोप्पो (सदस्य, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली), डॉ० नारायण उराँव ‘सैन्दा’, डॉ० पार्वती तिर्की, डॉ० तेतरू उराँव, सुश्री माधुरी तिर्की ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
Linguistic Survey of India 2011 के अनुसार 121 अनुसूचित एवं गैर अनुसूचित भाषाओं में से 22 भाषाएँ 8वीं अनुसूची में शामिल हैं तथा 99 भाषाएँ अन्य भाषाओं की श्रेणी में दर्ज हैं। भारत देश में भाषा सर्वेक्षण विभाग द्वारा अंकित इन 121 में से 103 भाषा-भाषियों का शामिल होना तथा अपनी भाषा में अपना विचार रखना सचमूच सरकार एवं विभाग की इच्छा शक्ति तथा कर्मठता को इंगित करता है।
कुँड़ुख़ टाईम्स वेव पत्रिका की ओर से सरकार, विभाग तथा इस उत्सव में पहूँचे एवं इससे जुड़े सभी सदस्यों को हार्दिक-हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
आलेख -
डॉ नारायण उरांव
उत्सव से लौटने के बाद