KurukhTimes.com

Documents

दस्‍तावेज / Records / Plans / Survey

बरा घोखदत का – कुंडुखर गहि, एज्जरना एकासे परदा उंगी?

हमारी सामाजिक एकता टूट रही है क्योंकि - 1.आज हमारी पड़हा,धुमकड़िया,अखड़ा, चाला-टोंका, पंचा, मदाइत, कोहा-बेंज्जा,कुंडी आदि की समृद्ध परंपरा छिन्न-भिन्न हो गई है. फलतः,समाज के सभी लोगों को जोड़े ऱखने की जो एकजुट, मजबूत पुरखा परंपरा कायम थी, वह कड़ी व सामाजिक एकजुटता की लय कहीं टूट गई लगती है.ऐसी हालत में अब हम क्या कर सकते हैं? आइए मिलकर सोचें !

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 3/3) admin Sat, 04/06/2024 - 11:56

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत वैयाकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

इस आलेख का अगला हिस्‍सा ठीक नीचे लिंक में देखें: 

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 2/3) admin Sat, 04/06/2024 - 11:51

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत वैयाकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

इस आलेख का अगला हिस्‍सा ठीक नीचे लिंक में देखें: 

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 1/2) admin Sat, 04/06/2024 - 11:25

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत व्‍याकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का डिजिटल एडिशन Vol 10

यहां पीडीएफ में नि:शुल्‍क पढ़ें कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का डिजिटल एडिशन Vol 10 .

आप यहां नीचे से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

कुंड़ुंख टाइम्‍स का मैगजिन Vol 09 प्रकाशित हो गया है...

कुंड़ुंखटाइम्‍स की डिजिटल पत्रिका छप गई है। इस बार की पत्रिका में कई खास लेख शामिल हैं। आप इसे नि:शुल्‍क ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। आप चाहें तो इसका पीडीएफ वर्जन भी यहां से डाउनलोड कर सकते हैं। नीचे..  

कुंड़ुखटाइम्‍स त्रैमासिक पत्रिका का अंक 8 करम विशेषांक

कुंड़ुखटाइम्‍स त्रैमासिक पत्रिका का अंक 8 करम विशेषांक (जुलाई से सितम्‍बर 2023) नीचे पीडीएफ में ऑनलाइन पढ़ें या डाउनलोड करके रख लें। बिल्‍कुल नि:शुल्‍क.. 

धुमकुडि़या पेल्‍लो महबा उल्‍ला

यह लेख आदिवासी उरांव समाज का पारम्परिक सामाजिक पाठशाला धुमकुड़िया एवं किशोरियों का पेल्लो एड़पा में प्रवेश के विषय में शोध संकलन लेख है। इस शीर्षक लेख के माध्यम से पौराणिक आस्था विश्वास तथा आधुनिक जगत की अवधारणा के संदर्भ में समीक्षात्मक व्याख्यान पर चर्चा किया गया है। विशिष्ठ जानकारी के लिए पढ़ें एवं पी डी एफ को डाउनलोड कर सकते हैं।

परम्‍पारिक ग्रामसभा पड़हा-पचोरा सामाजिक न्याय पंच नियमावली

भारतीय संसद द्वारा पारित पेसा कानून 1996 (PESA 1996) की धारा 4(d) के तहत, दिनांक 18 से 20 अगस्त 2023 तक, 36 गांव की परम्परागत ग्राम सभा (पद्दा सबहा) के प्रतिनिधि सदस्यों की ‘‘पद्दा पड़हा-पचोरा पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था न्याय पंच कार्यशाला’’ ट्राईबल कल्चर सेन्टर, सोनारी, जमशेदपुर में सम्पन्न हुई। इस ग्रामसभा पड़हा-पचोरा सामाजिक न्याय पंच कार्यशाला में उराँव समाज की रूढ़ीगत सामाजिक व्यवस्था को संरक्षित एवं संवर्द्धित करने हेतु 12 पड़हा, पहाड़ कंडिरिया, बेड़ो, राँची के पड़हा बेल श्री बिमल उराँव, 32 पड़हा-पचोरा लोहरदगा के बेल (राजा): श्री विजय उराँव एवं 03 पड़हा-पचोरा सिसई-भरनो, गुमला के कुहाबेल : श्री