दिनांक 12/02/2023 दिन रविवार को जिला गुमला के सिसई थाना परिसर के सामने अवस्थित केन्द्रीय सरना स्थल पर एक दिवसीय कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह दिवस समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में गुमला जिला के कुड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि लिपि के पठन पाठन से जुड़े छोटे-बडे़ विद्यालय एवं धुमकुड़िया के छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक सम्मिलित थे। समारोह का आरंभ शहीद लोहरा उरांव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर का बैनर तले परेड एवं जुलूस के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर तोलोंग सिकि लिपि के संस्थापक डॉ नारायण उरांव, कुंड़ुख़ कत्थ खोंड़हा लूरएड़पा भगीटोली डुमरी गुमला का कुंड़ुख इंग्लिश मीडियम स्कूल के संस्थापक डॉ एतवा उरांव, पूर्व शिक्षा मंत्री श्रीमती गीताश्री उरांव, सिसई प्रमुख श्रीमती मीना देवी, पूर्व प्रमुख श्रीमती शनियारो उरांव तथा टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर के सहयोग से संचालित एजेरना बेड़ा कार्यक्रम से संचालित कुंड़ुख भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र के शिक्षक छात्र एवं अभिभावक उपस्थित थे।
सिसई प्रमुख श्रीमती शनियारो उरांव ने कहा कि आदि काल से ही कुँड़्ख़ समाज के लोग धुमकुड़िया के माध्यम से समाज के लोगों को अच्छे जीवन जीने के लिए विभिन्न प्रकार की शिक्षा देते थे। आज के समय में हमारे समाज के सभी गाँव में धुमकुड़िया केंद्र खोलने की आवश्यकता है। अतिथियों में से पूर्व मंत्री श्रीमती गीताश्री उरांव ने कहा कि आदिवासी समाज में शिक्षा के साथ भाषा संस्कृति को बचाने के लिए भी कार्य करना होगा। तोलोंग सिकि के सर्जक डा नारायण उरांव ने कहा कि आज के दौर में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किया जा रहा है, जिसके तहत पाठ्यक्रम मैं हिन्दी, अंग्रेजी एवं मातृभाषा शिक्षा शामिल है। अब आदिवासी समाज के लोगों को अपनी भाषा संस्कृति की शिक्षा धुमकुड़िया के द्वारा दिया जाना संभव करना होगा। क्योंकि 4 से 6 वर्ष के बच्चों को सरकार आंगनवाड़ी केंद्र में जोड़ने बातें कर रही है। ऐसी स्थिति में बच्चों को कई बातों में कठिनाई होगी, क्योंकि आंगनवाड़ी में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कुँड़ुख भाषा या लिपि नहीं जानते हैं। इस लिए प्रत्येक गाँव में पारंपरिक धुमकुड़िया केंद्र खोलना होगा और बच्चे धुमकुड़िया से लूरकुड़िया यानी स्कूल अच्छे से जा सकेंगे।
इस अवसर पर विभिन्न कुँड़ुख भाषा लिपि शिक्षण सेंटर के शिक्षकों के बीच टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर के सहयोग से प्रकाशित, कुँड़ुख टाईम्स पत्रिका का अंक 4, बिसुसेंदरा विशेषांक और अंक 05, धुमकुड़िया विशेषांक एवं चिंचो डण्डी अरा ख़ी:री पुस्तक का वितरण किया गया। एजेरना पिण्डा संस्था के अध्यक्ष श्री धुमा उरांव ने कहा कि - वर्तमान में नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालयों में मातृभाषा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए धुमकुड़िया में भाषा-लिपि का पठन-पाठन बच्चों के लिए बेहतरीन अवसर है। इस आयोजन में भाषा शिक्षण केन्द्र में से 10 केन्द्र शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में सभी लोग सामुहिक भोजन में शामिल हुए। इस आयोजन में धुमकुड़िया सैन्दा सुसर संगोठ के संचालक सदस्य श्री उमेश उरांव, पाथो उरांव, घखुल उरांव, जुगेश पहान, श्रीमती झेबा उरांव, मंगरा उरांव, श्री जुगेशवर उरांव शामिल थे।इस कुड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि दिवस में पड़हा कोटवार श्री गजेंद्र उरांव, सेवा निवृत्त शिक्षक श्री धुमा उरांव एवं अनेकों गांव के बच्चे बच्चियां तथा बुजुर्ग उपस्थित थे।
रिपोर्टर - सुकरू उरांव, शिबनाथपुर, सिसई, गुमला।