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कुंड़ुख़ लिपि पाठन केन्द्र का निरिक्षण एवं धुमकुड़ि‍या उद्घाटन

दिनांक 29.08.2021 दिन रविवार को दिन के 12.00 बजे से 04.00 दिन में सिसई एवं भंडरा प्रखंड में कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि (लिपि) पठन–पाठन केन्द्र  का निरिक्षण‚ टाटा स्टील फाउन्डेशन‚ जमशेदपुर के कार्यपालक पदाधिकारी श्री शिवशंकर कांडेयोंग द्वारा किया गया। इस अवसर पर टाटा स्टील फाउन्डेशण‚ जमशेदपुर के कार्यपालक अधिकारी के साथ श्री बिरेन तिउ तथा कुंड़ुख़ तोलोंग सिकि के सर्जक डॉ. नारायण उरांव‚ अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकु‍ड़ि‍या पड़हा अखड़ा‚ रांची के सक्रीय कार्यकर्ता एवं 7 पड़हा पलमी‚ 7 पड़हा लवागांई और 9 पड़हा करकरी के पड़हा पंच एवं पदाधिकारी श्री गजेन्द्र  उरांव‚ श्री बुधराम उरांव श्री मटकु उरांव‚ श्री दशरथ उरांव‚ श्री धुमा उरांव‚ सुश्री कमला लकड़ा‚ श्री शिवनन्दवन उरांव‚ श्रीमती फुदो देवी‚ श्री गंदुर उरांव‚ श्री बिनोद उरांव‚ श्री संजय उरांव‚ श्री सुकरू उरांव एवं अनेकानेक सदस्य् आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर टाटा स्टीदल फाउन्डेशन एवं सहयोगी संस्था अददी कुंड़ुख़ चाला एवं धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा‚ रांची द्वारा प्रकाशित तोलोंग सिकि वर्णमाला चार्ट का वितरण उपस्थित सभी अभिभावकों एवं बच्चों के बीच किया गया।

Dhumkuria

इस कार्य में परम्पंरागत एवं रूढ़ीगत सामाजिक व्यभवस्थार के अंतर्गत 9 पड़हा करकरी के कोटवार श्री गजेन्द्र  उरांव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए टाटा स्टील फाउन्डेशन‚ जमशेदपुर दवारा कुंड़ुख़ भाषा एवं लिपि के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह हमारे बच्चों के लिए अच्छा अवसर है कि वे अपनी भाषा एवं लिपि सीखेंगे। कुंड़ुख़ भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के बारे में डॉ. नारायण उरांव ने तोलोंग सिकि के विकास के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा कुंड़ुख़ भाषा एवं लिपि की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अपने वकतव्या में उन्हों ने कहा कि हिन्दी तथा अंगरेजी के साथ अपनी मातृभाषा को सीखना भी जरूरी है। वर्तमान में केन्द्रक सरकार एवं राज्यअ सरकार दवारा नई शिक्षा नीति लागू किया जा रहा है जिसमें मातृभाषा कुंड़ुख़ के माध्यगम से प्राथमिक शिक्षा दिये जाने की व्यावस्थास है। टाटा स्टील फाउन्डेशन‚ जमशेदपुर के कार्यपालक अधिकारी श्री कांडेयोंग ने कहा कि सिहंभूम क्षेत्र में संताली‚ मुंडा‚ हो‚ एवं भूमिज भाषा का शिक्षण का कार्य अलग–अलग जगहों पर चल रहा है। इसी योजना के क्रम में आज का यह कुंड़ुख़ भाषा एवं लिपि शिक्षण केन्द्रों में से 7 पडहा कुंड़ुख़ विद्यालय‚ पलमी / कार्तिक उरांव आदिवासी कुंड़ुख़ विद्यालय‚ छारदा / कार्तिक उरांव आदिवासी कुंड़ुख़ विदयालय‚ मंगलो / प्रस्ताावित कुंडुख विद्यालय‚ शिवनाथपुर /  बीर बुधुभगत कुंडुख विद्यालय‚ सैन्दा  का भाषा तथा लिपि पठन–पाठन विषयक निरिक्षण किया गया। 
इस निरिक्षण कार्य के साथ‚ ग्राम सैन्दाु (सिसई) में गांव वालों के सहयोग से पुआल का छप्पकर वाला धुमकुडिया को उदघाटन किया गया। टाटा स्टील फाउन्डेशन‚ जमशेदपुर की ओर से धुमकुड़ि‍या‚ सैन्दा  के लिए  दो मांदर एवं एक नगाड़ा प्रदान किया गया। साथ ही स्कू ल ड्रॉप आउट हुए युवक–युवतियों के शिक्षा के लिए ‘धुमकुडिया मुक्ता विदयालय’ (Dumkuriya Open School) – अध्यायन केन्द्र ‚ धुमकु‍ड़ि‍या धाम‚ सैन्दा्‚ सिसई (गुमला) की नींव रखी गई। अभिभावकों की ओर से इस मुक्त  विदयालय का कार्यकारी प्रधनाचार्य के रूप में श्री विनोद उरांव‚ ग्राम सियांग के नाम का तथा विदयालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में श्री धुमा उरांव‚ छारदा के नाम का प्रस्तारव पारित किया गया। अंत में पड़हा समाज संयोजन समिति के कोटवार श्री मटकु उरांव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करने के बाद निरिक्षण कार्य तथा धुमकुडिया सैन्दार का उदघाटन कार्य समाप्ति हुआ।

रिपोर्टर -
भुनेश्वरर उरांव
सहायक शिक्षक
जतरा टानाभगत विद्या मंदिर‚ बिशुनपुर।

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