कुँडुख भाषा शिक्षक पद सृजन विषय को लेकर मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन से कुंडुख(उराँव) भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष अरविंद उराँव, सचिव संजीव भगत, सदस्य संतोष उराँव, सुशील उराँव ने तीन विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण बाड़ा, जिग्गा सुसारण होरो के साथ नया विधान सभा में आज दिनांक 30/07/024 को औपचारिक तौर पर बात चीत हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत हुआ है। मुझे सर्वे आँकड़ा प्राप्त हुआ है। पांच जनजातीय भाषा ( कुँडुख, मुण्डा, खड़िया हो,संथाली ) का पूरे झारखंड में लगभग 3250 पद सृजित किया गया है। एवं नागपूरी सहित अन्य भाषा का लगभग 8500 पद सृजित किया गया है। यह एक गंभीर मामला है। मुख्य मंत्री ने आगे कहा कि मैं मुख्य सचिव को फोन कर बुलाता हूँ। आप लोगों को 1:00 घंटा बाद फिर से बुलाया जाएगा । बातचीत के दौरान सिसई विधायक ने मुख्य मंत्री को कहा कि इस पर सुधार नहीं हुआ तो आप का तीन विधायक हाथ से चला जाएगा । इस लिए सुधार आवश्यक है। मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा - हमलोग चाहते हैं कि पूर्व का सर्वे को निरस्त कर पुनः सर्वे कराई जाए। हमलोगों के उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को फोन कर विधान सभा आने के लिए कहा । सचिव का हाईकोर्ट में आवश्यक कार्य होने के कारण 3:00 बजे तक विधान सभा नहीं पहुँच पाये थे। अंततः दुबारा इस विषय पर मुख्य मंत्री से मिलने की बात कैन्शिल हुई । कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश की ओर से तीनो विधायको को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होने इस विषय को संज्ञान में लेते हुए मुख्य मंत्री से मिलवाये तथा मुख्य मंत्री ने भी इसे संज्ञान में लिये हैं । 2 घंटे में इस विषय पर हल नहीं निकाला जा सका। विधायक शिल्पी नेहा से सूचना मिली कि आज निर्णय नही हो पाएगा । थोड़ा समय लगेगा बैठक कर रास्ता निकालेंगे । कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश के नितु सक्षी टोप्पो, पंकज उरांव, संतोष उराँव, जतरू उराँव, संजय कच्छप, ज्योति कुजूर, जितेश मिंज, एवं मनोज कुमार भगत आदि सदस्यों ने भी मुख्य मंत्री से मिलने के लिए विधान सभा पहुँचे हुए थे परन्तु चार सदस्यों को ही मिलने का परमिशन मिला जिसके कारण सभी प्रतिनिधियों ने नहीं मिल पाए।
जोहार, ओलग्ली
रिपोर्टिंग
अरविंद उराँव
अध्यक्ष- कुँडुख भाषा संरक्षण समन्वय समिति झारखंड प्रदेश