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उरांव आदिवासियों का परम्पारागत सामाजिक एवं न्यायिक संगठन ‘‘राजी पड़हा, भारत’’ के नये पदाधिकारी

दिनांक 05/09/2021 दिन रविवार को उरांव आदिवासियों की परम्पारागत सामाजिक एवं न्या9यिक संगठन ‘‘राजी पड़हा, भारत’’ का बैठक आमंत्रण सूचना में दिये गये स्थान - गुमला एरोड्रम के निकट आदिवासी संस्कृति भवन में नहीं हो कर गुमला डुमर टोली मैदान में हुआ। इस बैठक में राजी पड़हा, पादा पड़हा, झारखंड और पादा पड़हा, छत्तीसगढ़ का पूर्ण कमिटि का चयन के लिए बैठक हुआ। इस कमिटि चयन बैठक में सर्व सहमति से अलग–अलग पड़हा संविधान के अनुसार कमिटि का चयन निम्नब प्रकार हुआ – (1) राजी पड़हा, भारत का राजी बेल – श्रीमान बागी लकड़ा (2) राजी देवान – श्रीमान फौदा उरांव, गुमला  (3) राजी पड़हा उप देवान – श्रीमान कृपा शंकर भगत,

जातीय जनगणना व राज्‍य की स्‍थानीय नीति पर सरकार की उपेक्षा को लेकर संगठनों की चिंता

झारखंड नामधारी संगठनों ने बुधवार को एक विशेष बैठक में जातीय जनगणना व राज्‍य की स्‍थानीय नीति पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से अविलंब क्रियांवयन की मांग की है। झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा एवं आदिवासी छात्र संघ केन्द्रीय समिति की पहल पर विभिन्न आदिवासी एवं मूलवासी समाजिक संगठनों का संयुक्त स्वरूप में विशेष बैठक प्रेस क्लब रांची में संपन्‍न हुआ। बैठक में जातीय जनगणना एवं स्थानीय नीति पर चर्चा हुई। विशेष बैठक की अध्यक्षता डां करमा उरांव ने कि और विषयवस्तु को विस्तार से रखा, वही संचालन अंतु तिर्की ने की एवं प्रतिनिधियों का स्वागत सुशील उरांव द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन बलकू उरांव ने की।<

परम्परागत आदिवासी मौसम पूर्वानुमान का प्रथम चरण सही 

गुमला जिला‚ सिसई थाना क्षेत्र के सैन्दा गांव निवासी श्री गजेन्द्र उराँव (65 वर्ष) एवं सियांग गांव निवासी श्री बुधराम उराँव (70 वर्ष) द्वारा मई महीने में वर्ष 2021 के लिए अपने क्षेत्र के आसपास मौसम के बारे में मौसम पूर्वानुमान किया गया था जो प्रथम चरण में सही साबित हुआ। पूर्वानुमान कर्ता द्वय द्वारा कहा गया था कि - इस वर्ष 2021 में रथ या़त्रा से करमा तक अपने क्षेत्र में अच्छी वर्षा होगी। इस पुर्वानुमान के प्रथम चरण के अन्तर्गत रथ यात्रा के बाद दिनांक 17 एवं 18 जुलाई 2021 को ग्राम सैन्दा‚ सियांग के आस-पास मुसलाधार वर्षा हुई है। खेतों में लबालब पानी भर आया है और लोग रोपनी का कार्य में लग गये ह

संथाल विद्रोह के हूल दिवस पर सेंगेल अभियान का संकल्‍प

आज 30 जून- हूल महा या अंग्रेजों के खिलाफ हुई संताल बिद्रोह का ऐतिहासिक दिवस है। जब सिदो मुर्मू के नेतृत्व में 4 भाइयों (सिदो, कान्‍हू, चांद, भैरो) और दो बहनों (फूलो और झानो) ने भोगनाडी गांव, साहेबगंज ज़िला में 10 हज़ार संताल सिपाहियों के साथ 30 जून 1855 को क्रांति का बिगुल फूंका था। अंग्रेजों को मजबूर होकर 22 दिसम्बर 1855 को संताल परगना का गठन करना पड़ा। कार्ल मार्क्स ने इसे अपने एक आलेख में भारत की प्रथम जनक्रांति बतलाया है।

आदिवासी भाषा संस्‍कृति में योगदान के लिये हमेशा याद की जाएंगी सीता टोप्पो

85 वर्षीय आदरणीय श्रीमती सीता टोप्पो  अब इस दुनियां में नहीं रहीं। वे दिनांक 15.05.2021 को 8:30 बजे सुबह अंतिम सांस लीं। वे एक कुशल गृहणी एवं समाज सेवी थीं। उनके पति स्व 0 राजू उराँव रॉ में एरिया आफिसर थे। उनकी 5 बेटियां तथा 1 बेटा हैं। वे 15 नाती-पोती की नानी-दादी बनीं। उनका निवास करमटोली, राँची में है।

डॉ मिंज का निधन कुड़ुंख समाज के लिए अपूरणीय क्षति है : जिता उरांव

कुड़ुंख भाषा साहित्‍य के पुरोधा एवं आधार स्‍तम्‍भ डॉ निर्मल मिंज 5 मई 2021 को हमारे बीच से सदा लिये जुदा हो गए। इस तरह अचानक उनका जाना हम कुड़ुख समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे एक कुशल समाज सुधारक, धर्म अगुआ एवं पिछड़े तथा शोषित वर्ग के अग्रगण्‍य पथ प्रदर्शक थे। विशेषकर अपनी मातृभाषा कुड़ुंख लिपि का सृजन संवर्द्धन एवं विकास के लिए इन्‍होंने न केवल नारायण उरांव सैन्‍दा का मार्गदर्शन किया बल्कि गोस्‍सनर कॉलेज रांची में सर्वप्रथम कुड़ुंख, मुन्‍डारी जैसे क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्‍थापना किये। साथ ही रांची विश्‍वविद्यालय में भी उक्‍त विभाग की स्‍थापना में अभूतपूर्व योगदान दिये। कुड़ुंख भाषा

Adiwasi Bhawan Bhawan Inaugurated by CM Mamta at Kolkata 

Adiwasi Bhawan was the long waited dream of  the Tribal people of west Bengal. Now the dream is fulfilled by inaugurating Adiwasi Bhawan by honorable  Chief Minister Miss. Mamta Banarjee on 28 January 2021.

This is one of the best architectural building in Kolkata. It is of 8 floor building consisting of office space, dormitory and guest house. In addition to this, it has Museum, Art-gallery conference room and Auditorium.

कुँड़ुख़़-हिन्दी शब्दकोष और कुँड़ुख़ संस्कारों पर तीन पुस्तकों का लोकार्पण संपन्‍न

झारखण्ड की राजधानी राँची में स्थित डा रामदयाल मुण्डा जनजातीय शोध संस्थान, मोरहाबादी के सभागार में कुँड़ुख़ भाषा एवं सामाजिक पहलूओं से जुड़ी तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। पहली पुस्तक स्व विजय उराँव द्वारा लिखित - कुँड़ुख़-हिन्दी शब्दकोष है। दूसरी पुस्तक श्री बहुरा उराँव द्वारा रचित - कुँड़ुख़ (उराँव) समाज में जन्म विवाह एवं मृत्यु संस्कार तथा तीसरी पुस्तक श्री भिखु तिरकी द्वारा लिखित - सरना अद्दी धर्म नामक पुस्तक का लोकार्पण दिनांक 02 फरवरी 2021 को सम्मन्न हुआ।

उड़ीसा के सुंदरगढ़ में आदिवासियों की जमीन हथियाने की कोशिश नाकाम

उड़ीसा के सुंदरगढ जिला कुंअरमुण्डा ब्लॉक अन्तर्गत गोबिरा गांव में 15 जनवरी, शुक्रवार शाम 5 बजे गोबिरा गांव  NH रोड चैक के सम्मुख आदिवासियों की जमीन को बाहर से आये गैर आदिवासियों ने गैर कानूनी ढंग से दखलाने की कोशिश कर रहे थें। फलत: गोबिरा गांव के लोगों ने राजी बेल बागी लाकड़ा राजी पड़हा भारत को सुरक्षा करने की गुहार लगायी। यह खबर देवान बिरुआ उरावं,पादा पड़हा, उड़िशा प्राप्त करके कुंअर मुंडा अधीनस्थ मूली पड़हा, नाईकिन बाहर बेल श्रीमान झुबा उंराव को खबर देकर ग्रामीणों की उपस्थिति में आदिवासियों के लिए दिया गया भारत देश का संबिधान धाराएं संबंध  से साबधान बरतने की सूचना फलक गडवाया गया।

मध्यप्रदेश का 40 फीसदी जंगल निजी कंपनियों को देने का फैसला

भारत सरकार हो या राज्य सरकारें, हर वक्त उनका एक ही नारा होता है आदिवासियों का कल्याण. लेकिन उनका कल्याण करते-करते ये सरकारें अकसर उनको उनके गांव-खेत-खलिहान और उनके जंगलों से बेदखल कर देती हैं. इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश का है. यहां जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने, राज्य के जंगलों की परिस्थितिकी में सुधार करने और आदिवासियों की आजीविका को सुदृढ़ करने के नाम पर राज्य के कुल 94,689 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र में से 37,420 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को निजी कंपनियों को देने का निर्णय लिया गया है.