आदिवासी मातृशक्ति अपने बच्चे को अपना 'दूध' नहीं बल्कि अपना 'रक्त' का स्तन पान करवाती है ताकि खून में उबाल रहे यही उबाल समाज के प्रति जुनून पैदा कर बिरसा बनाती हैं। झारखंड की मातृशक्ति का कोख इतनी शक्तिशाली है कि हर सदी में एक जननायक पैदा की हैं।
आज मेरे मातृशक्ति को ये अह्वान है कि आज फिर तुम एक जननायक की जननी बनो ताकि जो हमारे पुर्वजों की विरासत को गिद्ध की तरह नोंच रहे हैं उसना खात्मा हो सके।
ये वही गिद्ध है जो सादियों से हमारी विरासत को नोंच-नोंच कर खा रहे हैं। आज 'सीएनटी एक्टस, एसपीटी एक्ट ' को नोंच रहे‚ कल 'पाँचवीं अनुसूची को नोचेंगे, परसों 'पेसा एक्ट' को नोंचेगें।
आलेख –
बरखा लकड़ा
आदिवासी महिला शक्ति 'भारत'
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