आज डॉ मुन्डा का जन्मदिन है! ...नमन!
डॉ राम दयाल मुन्डा का जन्मदिन है आज। आप सबकी ओर से डॉ मुन्डा को नमन और बधाई !!!!
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डॉ राम दयाल मुन्डा का जन्मदिन है आज। आप सबकी ओर से डॉ मुन्डा को नमन और बधाई !!!!
9 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व आदिवासी दिवस (International Day of the World's Indigenous Peoples) आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनीतिक पहचान को सम्मानित करने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक वैश्विक प्रयास है। आइए इसके इतिहास और वर्तमान स्थिति को विस्तार से समझें:
इतिहास
झारखंड अलग प्रांत के प्रणेता और आदिवासी व मूलवासी समाज के गुरूजी अर्थात शिबु सोरेन का स्वर्गवास हो गया है। यूं तो अलग झारखंड की मांग पिछले लम्बे अरसे से चलती रही है लेकिन इस आंदोलन को जमीनी अधिकार का तेवर दिया था शिबु सोरेन ने। झारखंड ही क्यों पूरे देश का आदिवासी व बंचित समाज गुरूजी का कर्जदार है और रहेगा। 81 वर्षीय शिबु सोरेन पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे। सर गंगाराम अस्पताल (दिल्ली) में उनका इलाज चल रहा था। गुरूजी अपने पीछे दो पुत्र हेमन्त सोरेन और बसंत सोरेन और भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। गुरूजी की राह पर चल रहे हेमन्त सोरेन अभी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। 04 अगस्त 2025 को
आदिवासी समाज अपने संगीत-नृत्य के लिये मशहूर है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगभग हर त्योहार और खास मौके पर अवश्य होता है। खास कर गांवों में तो जैसे यह दिनचर्या है। आज आदिवासी दिवस है। पूरी दुनिया में यह मौका आदिवासियों के लिये खास है। ऐसे में संगीत नृत्य न हो यह कैसे संभव है। तो लीजिए आज लुत्फ उठाइये आदिवासी नृत्य का ।
देश के आदिवासी बहुल इलाकों में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया। झारखंड की राजधानी रांची में सड़कों पर पुरूष महिलाओं और बच्चों का सैलाब नजर आया। आपको भी सरहुल की बहुत बधाई।
रांची: शुक्रवार, 07 जुलाई को रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिच्युट के सभागार में 'Significance of Dhumkuria' विषय पर पैनल चर्चा हुई। यह परिचर्चा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कलाकेंद्र रांची द्वारा आयोजित की गई थी। इस आयोजन में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन आश्रम रांची के माननीय सचिव स्वामी भवेशानन्द जी थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो जी उपस्थित थे। इस परिचर्चा के मुख्य वक्ता इतिहासकार डॉ० दिवाकर मिंज कुँड़ुख ;उराँव भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के जनक डॉ० नारायण उराँव एवं पत्रकार श्री गौतम चौधरी थे। इस परिचर्चा के
गुमला : जिला, सिसई : थाना के सैन्दा ग्राम निवासी श्री गजेन्द्र उराँव, पिता स्व0 डुक्का उरांव, उम्र 67 वर्ष द्वारा दिनांक 28 मई 2023, दिन रविवार को बिशुनपुर (गुमला) में वर्ष 2023 का मानसून पूर्वानुमान किया गया। श्री गजेन्द्र उरांव विगत 10 वर्षों से लगातार परम्परागत तरीके से बोये जाने वाले धान के बीज को देखकर, मानसून पूर्वानुमान किया करते हैं, जो लगभग खरा उतर रहा है। उराँव परम्परा के मानसून पूर्वानुमान में पूरे मानसून को तीन चरण में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण - पच्चो करम से हरियनी पूजा तक। दूसरा चरण - हरियनी पूजा से करम पूजा तक तथा तीसरा चरण - करम पूजा से सोहरई पूजा तक। परम्परागत आदिवासी
रांची: झारखंड के जाने माने शिक्षाविद डॉ करमा उरांव नहीं रहे। रविवार (14 मई 2023) सुबह उनका निधन हो गया। डॉ करमा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हफ्ते में दो बार डायलिसिस चलता था। वे डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीडि़त थे। गत वर्ष कोरोना काल में उनके बड़े बेटे का देहांत हो गया था। डॉ करमा अपने परिवार के साथ मोराबादी स्थित आवास में रह रहे थे। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, छोटा पुत्र और पुत्री (विवाहिता) छोड़ गये हैं। बड़े बेटे की पत्नी और पौत्र मुंबई में रहते हैं। यह जानकारी डॉ करमा के परिचितों से मिली है। उनके निधन पर झारखंड और आसपास के राज्यों में, खासकर आदिवासी समाज में, शोक व्याप गया है। डॉ करमा
झारखंड की माटी के साहित्यकार: कवि, लेखक, अभिनेता व पूर्व बैंककर्मी महादेव टोप्पो को साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) का सदस्य के रूप में मनोनयन किये पर आदिवासी समाज की ओर से जोरदार अभिनंदन किया गया। 05 मार्च 2023 को करमटोली (रांची) स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास के पुस्तकालय भवन भवन में दर्जनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं स्थानीय युवक-युवतियों ने महादेव टोप्पो और उनकी धर्मपत्नी को पुष्पगुच्छ, झारखंडी परिधानों एवं संस्कारों के साथ सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक मंडल में शामिल थे, डॉ. नारायण उराँव, सैंदा, डॉ. नारायण भगत, नागराज उराँव, डॉ.