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News & Events / सामयिकी 

टाटा स्‍टील की ओर से भंडरा में तोलोंग सिकि प्रशिक्षण संपन्‍न

दिनांक 28 फरवरी 2023 दिन शनिवार को भंडरा (लोहरदगा) प्रखंड के आशा आदिवासी विद्यालय, बलसोता  में  टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से संचालित कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ एक दिवसीय निरिक्षण सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस निरिक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में टाटा स्टील फाउंडेशन के पदाधिकारियों के द्वारा कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि की विकास पर विशेष रूप से चर्चा की गयी। विशेष रुप से आदिवासी भाषा की संरक्षण हेतु स्कूलों में पाठन पाठन की आवश्यकता को  विकल्प बतलाया गया।

आदिवासी भाषाएं - दशा और दिशा : एक वैचारिक अध्‍ययन

दिनांक 17-18 दिसम्‍बर 2022 को ''आदिवासी भाषाएं - दशा और दिशा : एक वैचारिक अध्‍ययन'' विषय पर राज्‍य स्‍तरीय दो दिवसीय स्रममेलन, जेवियर कॉलेज, रांची के प्रांगन में सम्‍पन्‍न हुआ।  
इस सम्‍मेलन में दिनांक 18 दिसम्‍बर 2022 दिन रविवार को ''झारखण्‍ड में आदिवासी भाषाएं'' विषय पर डॉ. नारायण उरांव 'सैन्‍दा' द्वारा अपने विचार प्रस्‍तुत किया गया। जो इस प्रकार है - नीचे PDF में देखें.. 

तोलोंग सिकि के युनिकोड विकास हेतु फॉनेटिक चार्ट अमेरिका भेजा जाएगा - डॉ उरावं

दिनांक  20.11.2022 दिन रविवार को अद्दी कुँड़ृख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा), राँची की मासिक बैठक अद्दी अखड़ा उप कार्यालय, चिरौन्दी, राँची में माननीय अघ्यक्ष श्री जिता उराँव की अध्यक्ष्ता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में कुँड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि के विकास के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में जनजातीय एवं क्षंत्रीय भाषा चिभाग के शोधार्थी भी उपस्थित थे। शोधार्थियों द्वारा लिपि विकास के इतिहास की जानकारी की अपेक्षा की गई। इस विषय पर डॉ.

कार्तिंक उरांव की जयंती उनके पैतृक गांव में 29 अक्‍टूबर को

करौंदा लिट्टा टोली गुमला में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद गुमला जिला द्वारा पुनई उराँव जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि 29 अक्टूबर दिन शनिवार को बाबा कार्तिक उराँव जी की जन्मजयंती कार्यक्रम धूमधाम से भव्यतापूर्वक मनाया जाएगा।

कोकराझार, असम में तोलोंग सिकि (कुँड़ुख़ भाषा की लिपि) कार्यशाला सम्‍पन्‍न

दिनांक 30 सितम्‍बर 2022 से 02 अक्‍टुबर 2022 तक कुँड़ुख़ लिटरेरी सोसायटी आफ इंडिया, नई दिल्‍ली का तीन दिवसीय राष्‍ट्रीय कुँड़ुख़ भाषा साहित्‍स सम्‍मेलन कोकराझार, असम में सम्‍पन्‍न हुआ. यह सम्‍मेलन कुँड़ुख़ (उरांव) साहित्‍य सभा, असम एवं आल कुँड़ुख़ (उरांव) छात्र संघ, असम के संयुक्‍त तत्‍वाधान में आयोजित किया गया था. इस कुँड़ुख़ भाषा सम्‍मेलन में अलग अलग 8 राज्‍यों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए.

Kokrajhar

टाटा स्टील फाउण्डेशन, जमशेदपुर द्वारा संचालित कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण का 5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला सम्पन्न

दिनांक 13 सितम्बर 2022 से 17 सितम्बर 2022 तक, टाटा स्टील फाउण्डेशन द्वारा सहयोगी संस्था, उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर (प०सिंहभूम) एवं अद्दी कुँड़ुख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, राँची के सहयोग से कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण, का 5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला, टी०सी०एस० सोनारी, जमशेदपुर में सम्पन्न हुआ। इस आवासीय कार्यशाला में प०सिंहभूम से 28 सेन्टर के भाषा शिक्षक और संयोजक तथा रांची, गुमला, लोहरदगा जिला से 23 सेन्टर के भाषा शिक्षक और संयोजक शामिल हुए।

कुंड़ुख टाइम्‍स पत्रिका / अंक 03 अप्रैल से जून 2022

कुंड़ुख टाइम्‍स पत्रिका का 3रा अंक (अप्रैल से जून 2022) यहां पीडीएफ में उपलब्‍ध है। पढें.. जरूरत है तो डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

मंजु उरांव के खिलाफ समाज का तुगलकी फरमान स्‍वीकार्य नहीं, विरोध होगा : सेंगेल

आदिवासी महिला मंजू उरांव (गुमला जिला) को  ट्रैक्टर से खेती करने के एवज में गांव वालों ने अंधविश्वास के आधार पर उनको ट्रैक्टर चलाने से मना किया, जुर्माना लगाया और बात नहीं मानने पर सामाजिक बहिष्कार करने का एकतरफा तुगलकी फरमान जारी किया है। जो संविधान कानून के खिलाफ है। स्त्री पुरुष की बराबरी के दर्जे के खिलाफ है और बिल्कुल एक अंधविश्वास वाला फरमान है। गलत है। आदिवासी सेंगेल अभियान, जिला पुलिस- प्रशासन और प्रदेश की सरकार से अविलंब मंजू उरांव को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने की मांग करता है। बल्कि  उनको उनकी खेती और कृषि के विकास के लिए प्रोत्साहन और पूर्ण सहयोग भी सरकार को प्रदान करना चाहिए और

टाटा स्टील फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से भाषा-लिपि शिक्षण आरंभ होगा

दिनांक 22.07.2022 दिन बुधवार को ऐतिहासिक पड़हा जतरा खुटा शक्तिस्थल, मुड़मा (राँची) झारखण्ड के परिसर में समाजसेवी माननीय श्री बंधन तिग्गा जी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस बैठक में टाटा स्टील फाउण्डेशन जमशेदपुर के अधिकारी एवं अद्दी कुँड़ुख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा) झारखण्ड, राँची नामक संस्था के पदधारी उपस्थित थे।