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हाई स्‍कूलों में तीन भाषा शिक्षक बहाली नीति का विरोध आरंभ

दिनांक 23-01-2022 को स्थानीय अखबार में छपी खबर है कि झारखण्‍ड सरकार द्वारा उत्क्रमित उच्च विद्यालय में 2079 शिक्षकों की बहाली की जा रही है। इन विद्यालयों में भाषा विषय के कुल 567 पद हैं। इनमें से प्रत्येक विद्यालय में भाषा विषय के 03 शिक्षक होंगे। पूर्व में प्रत्येक उच्च विद्यालय में भाषा विषय के 04 शिक्षक होते थे जिसमें हिन्दी अंगरेजी के साथ, आदिवासी भाषा या संस्कृत/उर्दू का चुनाव किया जाता था। पर अब सरकारी विद्यालय में भाषा विषय के 03 शिक्षक होने की बात से पूरा आदिवासी समाज सशंकित है। झारखण्‍ड में हिन्दी, अंगरेजी पहली कक्षा से आवश्यक विषय के रूप में है। ऐसी स्थिति में 3रा भाषा क्या है इसक

क्‍या हेमन्‍त सरकार आदिवासी भाषाओं की विरोधी है?

क्‍या झारखंड की हेमन्‍त सरकार आदिवासियों की भाषाओं के प्रति बिल्‍कुल लापरवाह है? यह धारणा एक स्‍थानीय अबखबार में छपी खबर से उभर रही है। दिनांक 23.01.2022 दिन रविवार को स्थानीय अखबार में छपी खबर के हवाले से कहा गया है कि झारखण्ड सरकार उत्क्रमित उच्च विद्यालय में 2079 शिक्षकों की बहाली करने जा रही है। 
इन विद्यालयों में भाषा विषय के कुल 567 पद हैं। इनमें से प्रत्येक विद्याालय में भाषा विषय के 3 शिक्षक होंगे। पूर्व में प्रत्येक उच्च विद्यालय में भाषा विषय के 4 शिक्षक होते थे जिसमें 

एएफसी महिला फुटबॉल के लिए चुनी गई गुमला की सुमति, मुख्‍यमंत्री ने दी बधाई

इसी महीने शुरू हो रहे एएफसी महिला एशिया कप के लिए गुमला (झारखंड) के सुदूर इलाके भरनो प्रखंड के लोंडरा गांव की निवासी सुमति कुमारी का चयन हो गया है।  पिछले महीने कोच्चि में कैंप में शामिल 27 खिलाड़ियों में से 23 सदस्यों को टीम में चुना गया है। एएफसी महिला एशिया कप 20 जनवरी से छह फरवरी तक महाराष्ट्र के तीन स्थानों पर होगा। फॉरवर्ड पोजिशन से खेलनेवाली सुमति पिछले महीने ढाका में आयोजित अंडर-19 सैफ चैंपियनशिप में उपविजेता भारतीय टीम में शामिल थीं। इसके अलावा सुमति पिछले साल मार्च-अप्रैल में उज्बेकिस्तान में हुए फ्रेंडली फुटबॉल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

संताली आदिवासियों का पर्व सोहराय व वंदना : तैयारी शुरू

संताल परगना इलाके में सोहराय और वंदना की तैयारी को लेकर आदिवासी समुदाय जुट गये हैं। देवघर जिला अंतर्गत मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी गांवों में इसकी तैयारी जोरों पर है। सोहराय और वंदना को लेकर महिलाएं अपने-अपने घरों को आकर्षक रंग-रोगन के साथ साफ-सफाई में जुट गये हैं।

यह पर्व हर साल आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा जाहेरथान में पूजा-अर्चना कर किया जाता है। दूसरे दिन बरद खूटा पूजा किया जाता है। तीसरे दिन खूटे गये बैल को ढोल-नगाड़े के साथ पूजा-अर्चना के बाद खोला जाता है। इसके बाद पारंपरिक नृत्य आदिवासी परिधान और मांदर की थाप पर नृत्य किया जाता है।

कुंड़ुख़ भाषा व तोलोंग लिपि के विकास हेतु राजी पडहा प्रार्थना सभा एवं अद्दी पड़हा अखड़ा‚ दो संगठन एकमत हुए

दिनांक 26.12.2021 दिन रविवार को राजी पडहा सरना प्रार्थना सभा, मुडमा, रांची की केन्द्रीय कमिटि की बैठक हुई। इस बैठक में झारखण्डा सहित प0 बंगाल ओडिसा‚ छत्ती सगढ़ आदि राज्योंब के प्र‍‍तिनिधि भी उपस्थित थे। बैठक की अध्याक्षता राजी पडहा सरना प्रार्थना सभा ट्रस्टक, मुड़मा के माननीय अध्याक्ष एवं धर्मगुरू श्री बन्ध न तिग्गा  जी के दवारा सम्प न्नट हुआ। अपने समाज में धार्मिक शिक्षा तथा आत्मन बोध की शिक्षा सभी व्येक्ति को आवश्य्क है जिसके लिए विभिन्नत क्षेत्रों से आये प्रतिनिधियों को राज्यि स्तपरीय तथा पड़हा स्तमरीय कार्यों की जिम्मेादारियां सौंपी गईं। बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि – संगठन को

कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि (लिपि) शिक्षण केन्द्र सीतारामडेरा‚ जमशेदपुर का निरीक्षण

दिनांक 18.12.2021 दिन शनिवार को दिन के 2.00 बजे आदिवासी उरांव समाज समिति‚ पुराना सीतारामडेरा जमशेदपुर में टाटा स्टील फाउन्डेशन जमशेदपुर की ओर से चलाये जा रहे कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि (लिपि) शिक्षण केन्द्र का निरिक्षण किया गया। निरिक्षण कार्य कुंड़ुख़ तोलोंग सिकि के संस्था2पक डॉ.

झारखंड के राज्‍यपाल ने जनजातीय भाषा विभाग के जीर्णोद्धारित भवन का उदघाटन किया, कहा: अब उपेक्षित नहीं रहेगा विभाग

रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के जीर्णोद्धारित भवन का उद्घाटन करते हुए शनिवार को राज्यपाल रमेश बैस ने आश्‍वासन दिया कि अब इस भाषा विभाग में पर्याप्‍त शिक्षकों की बहाली अतिशीघ्र होगी।  बतायें कि दो मंजिले भवन में ऑडिटोरियम के साथ-साथ तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। इसका जीर्णोद्धार लगभग तीन करोड़ के रूसा फंड से किया गया है। यहां सभी नौ जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के स्वतंत्र विभाग है। इसे सोहराई पेंटिंग से सजाया गया है। जल्द ही यहां म्यूरल आर्ट भी दिखेगा

हिंदू धर्म के 16 संस्‍कारों की परंपरा का पालन आदिवासी भी करते हैं फिर सरना धर्म कोड क्‍यों?

रांची: आदिवासी नेता डॉ करमा उरावं के बयान पर हमलावर विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) व सहयोगी संस्‍थाओं ने सरना धर्म कोड की मांग के खिलाफ मोर्चा खोला है। उनका कहना है कि आदिवासी या जनजातीय समाज को अलग धर्म कोड की कोई आवश्‍यक्‍ता ही नहीं। वे तो हिंदू हैं। 'सरना' केवल पूजा स्‍थल को कहा जाता है, धर्म कैसे हो सकता है?

झारखण्ड में नई शिक्षा नीति और कुंड़ुख़ भाषा-लिपि की सार्थकता विषयक गोष्ठी

दिनांक 21.11.2021 दिन रविवार को अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा), रांची (झारखण्ड) के अध्यक्ष जिता उरांव एवं सचिव  राजेन्द्र भगत की मुलाकात राजी पड़हा प्रार्थना सभा ट्रस्ट, मुड़मा, रांची के अध्यक्ष  बंधन तिग्गा से हुई। इस अवसर पर राउरकेला (ओड़िशा) से  मनीलाल केरकेट्टा एवं जामताड़ा (झारखण्ड) से  संजय पहान एवं उनके साथी भी उपस्थित थे।

कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि (लिपि) पर उठते सवाल : एक परिचर्चा

जैसा कि हम सभी को जानते हैं कि – कुँड़ुख़ भाषा की लिपि, तोलोंग सिकि है। झारखण्ड सरकार द्वारा इस लिपि को वर्ष 2003 में कुंड़ुख़ भाषा की लिपि स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार को अनुसंशित किया गया है। साथ ही प.