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कुंड़ुख़ भाषा शिक्षण केन्द्र सीतारामडेरा (जमशेदपुर) का उद्घाटन संपन्‍न

दिनांक 25.08.2021 दिन बुधवार को दिन के 2.30 बजे आदिवासी उरांव समाज समिति पुराना सीतारामडेरा जमशेदपुर में टाटा स्टील फाउन्डेशन जमशेदपुर द्वारा कुंड़ुख़ भाषा शिक्षण केन्द्र का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर टाटा स्टील फाउन्डेशण जमशेदपुर के र्ट्राइबल हेड श्री जीरेन जे. टोपनो‚ कार्यपालक अधिकारी श्री शिवशंकर कांडेयोंग‚ कुंड़ुख़ तोलोंग सिकि के सर्जक डॉ. नारायण उरांव ए.बी.एम. कालेज के प्रोफेसर डॉ.

नई सोच के साथ विश्व आदिवासी दिवस: 9 अगस्त 2021 का अनुपालन

" झारखंड बचेगा तो बृहद झारखंड और भारत के आदिवासी बचेंगे। अतः अब बृहद झारखंड बनाने की सोच से ज्यादा जरूरी है बृहद झारखंड अर्थात बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि के आदिवासियों को मिलकर झारखंड को बचाने और समृद्ध करने का संकल्प और कार्य योजना बनाकर मैदान में उतर जाने का। चूँकि झारखंड के अधिकांश आदिवासी नेता और आदिवासी जनता ने शहीदों, पूर्वजों और आंदोलनकारियों का सपना - "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" को विगत दो दशकों में लुटने- मिटने के कगार पर खड़ा कर दिया है। सपनों को बचाने की जगह बेचने का काम किया है। चलो विश्व आदिवासी दिवस के दिन प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।"- सालखन मुर्मू।

श्रद्धांजलि : अद्दी कुँड़ख़ चाःला धुमकुडि़या पड़हा अखड़ा के कर्मठ कार्यकर्ता प्रकाश पन्ना पंकज नहीं रहे

रांची : सेवा निवृत यूनियन बैंक अधिकारी तथा अद्दी कुँड़ख़ चाःला धुमकुडि़या पड़हा अखड़ा‚ रांची के कर्मठ कार्यकर्ता का लम्बी बिमारी के बाद 30 जुलाई 2021 को दोपहर 1.30 बजे पल्स हॉस्पिटल‚ रांची में निधन हो गया। वे अपने पीछे पत्नी‚ दो बेटे एवं दो बेटियाँ छोड़ गये।

कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि के  प्रचार-प्रसार के लिए गांव-गांव में बोर्ड लगेंगे

सिसई/रांची: मंगलवार, दिनांक 29॰06॰2021 दिन मंगलवार को धुमकुड़िया धाम‚ सैन्दा सिसई गुमला के प्रांगन में कुंड़ुख धुमकुड़िया पड़हा समिति की बैठक गजेन्द्र उरांव की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे सम्पन्न हुई। इस बैठक में मटकु उरांव‚ परसु उरांव‚ बन्दे उरांव‚ जम्बुवा उरांव‚ चमरा उरांव‚ बिरेन्द्र उरांव‚ जुब्बी उरांव‚ धनेश्वर उरांव‚ पुन्ना उरांव‚ उमेश उरांव‚ विनोद उरांव एवं बुधराम उरांव उपस्थित थे। 
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि -
1॰ कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि का प्रचार-प्रसार सामाजिक स्तर पर किया जाए।

ग्रामीण मौसम पूर्वानुमान के अनुसार – रथ यात्रा से करमा तक अच्छी वर्षा होगी

विगत 7 वर्षों से ग्रामीण लोकज्ञान के अनुसार मौसम पूर्वानुमान कर रहे थाना - सिसई, जिला - गुमला (झारखण्ड ) के सैन्दा् एवं सियांग गाँव के निवासी गजेन्द्रा उराँव (65 वर्ष, फोटो में बायें) तथा श्री बुधराम उराँव (70 वर्ष, फोटो में दायें) द्वारा घर में रखा हुआ पिछले वर्ष का धान (बीज वाला धान) को देखकर मौसम पूर्वानुमान किया गया। मौसम पूर्वानुमान-कर्ता-द्वय ने कहा कि – इस वर्ष 2021 में अपने क्षेत्र में मझील बरखा है। बाद में नेग बरखा है। ग्रामीण लोकज्ञान मौसम पूर्वानुमान के अनुसार हरियनी पूजा से करम पूजा के बीच का समय को मझील बरखा का समय माना गया है तथा करम पूजा से सोहराई पूजा तक के समय को पछील बरखा

यूजिन मिंज नहीं रहे, विनम्र श्रद्धांजलि!..

जैक (झारखंड अधिविद्य परिषद) के उप सचिव यूजिन मिंज का निधन हो गया है। उन्‍होंने 07 मई 2021 को अंतिम सांसें ली। उनके निधन से कुड़ुख़ भाषी समाज अत्यंत मर्माहत है। कुड़ुंख भाषा की तोलोंग सिकि एवं कुड़ुख़ भाषा के सिलेबस को स्कूल स्तर तक पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। अद्दी कुड़ुंख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (रांची) श्रद्धेय युजिन मिंज को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। जैक (झारखंड अधिविद्य परिषद) के उप सचिव यूजिन मिंज का निधन हो गया है। उन्‍होंने 07 मई 2021 को अंतिम सांसें ली। उनके निधन से कुड़ुख़ भाषी समाज अत्यंत मर्माहत है। कुड़ुंख भाषा की तोलोंग सिकि एवं कुड़ुख़ भाषा के सिलेबस को स्

डॉ निर्मल मिंज नहीं रहे!.. पढि़ये डॉ मिंज से 2017 में लिया गया एक इंटरव्‍यू..

अलग झारखंड राज्य आंदोलन को बौद्धिक मोर्चे पर दिशा देनेवाले डॉ निर्मल मिंज नहीं रहे।  अलग राज्‍य आंदोलन में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है।  डॉ मिंज गोस्‍सनर चर्च के बिशप रहे हैं। डॉ निर्मल मिंज को साहित्य अकादमी का भाषा सम्मान से नवाजा जा चुका है। कुड़ुख भाषा में लेखन और उसके लिए व्यापक काम के लिए डॉ निर्मल मिंज को यह सम्मान दिया गया है.

आदिवासी कॉलेज छात्रावास में सरहुल संपन्‍न

कोरोना 2 के बीच आदिवासी समाज अपनी पुस्‍तैनी धरोहर को आगे बढ़ाते हुए चैत शुक्‍ल तृतिया (15 अप्रील 2021) को परम्‍परागत तरीके से सरहुल परब मनाया. इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते झारखण्‍ड सरकार की ओर से जुलूस निकालने पर पाबंदी के चलते लोग अपने पूजा स्‍थल पर सामाजिक दूरी बनाते हुए पूजा अर्चना किये. बैगा, पहान, पुजार, महतो, करठा आदि द्वारा परम्‍परागत तरीके से पूजा अर्चना किया गया. आदिवासी कालेज छात्रावास, रांची के छात्र, पूर्व की भांति छात्रावास परिसर के सरहुल पूजा स्‍थल पर पूजा अर्चना किये और गीत नृत्‍य भी किया. इस वर्ष पूजा पाट तो हुआ पर नाच गान भरपूर नहीं हो पाया.

डॉ गिरिधारी राम गौँझू नहीं रहे.. !

समाचार दु:खद है.. झारखंड की संस्‍कृति, भाषा व सामाजिक उत्‍थान के लिये हमेशा संघर्षरत प्रणेता डॉ गिरिधारी राम गोंझू का असमय निधन हो गया है। उन्‍होंने आज गुरूवार 15 अप्रैल 2021 को रांची स्थित रिम्‍स अस्‍पताल में अंतिम सांस लीं। उन्‍हें हर्ट अटैक आया था। 

डॉ गिरिधारी राम गौंझू रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कई नागपुरी साहित्य की रचना की है। नागपुरी साहित्य को समृद्ध करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। वे प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी भी थे।

बंदी उरावं नहीं रहे

बिहार (एकीकृत) के पूर्व मंत्री बंदी उरांव का मंगलवार को निधन हो गया है। वे रांची के हेहल स्थित आवास में रहते थे। बंदी उरांव के निधन की खबर सुनकर उनके पैतृक गांव भरनो प्रखंड के डुडिया पंचायत के दतिया बसाईर टोली के ग्रामीणों में शोक की लहर है। इधर उनके निधन की खबर के बाद उनके पैतृक गांव के अधिकांश घरों का चूल्हा नहीं जला। दतिया बसाईर टोली के ग्रामीण बताते है कि बंदी उरांव शुरू से ही सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। जन सेवा करने के इरादे से पुलिस की नौकरी छोड़ उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।