राजी पड़हा‚ भारत और कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि (लिपि)
वर्ष - 1997 में 3‚ 4 एवं 5 जनवरी को राजी पड़हा देवान श्री भिखराम भगत के नेतृत्व में राजी पड़हा‚ भारत का वार्षिक सम्मेलन‚ ब्रहमनडिहा‚ लोहरदगा (बिहार/झारखण्ड) में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में उपस्थित पड़हा प्रतिनिधि एवं जनसभा द्वारा कुँड़ुख़ भाषा की लिपि के रूप में तोलोंग सिकि (लिपि) को स्वीकार किया गया‚ परन्तु माननीय श्री भिखराम भगत द्वारा श्री इन्द्रनाथ भगत (माननीय सांसद‚ लोहरदगा) के साथ विमर्श के पश्चात् कहा गया कि - इस नई लिपि के साथ इसका व्याकरण भी जरूरी है। अतएव व्याकरण के लिए भाषाविदों तथा शिक्षाविदों के साथ मिलकर लिपि एवं व्याकरण पर चर्चा कर‚ पड़हा के सामने लायें। इसके बाद ही इसका सामाजिक