कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि के विकास की दिशा में सामाजिक-सह-भाषा वैज्ञानिक दृष्टिकोण: पद्मश्री स्व. डॉ रामदयाल मुण्डा
नई लिपि कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि के विकास की दिशा में सामाजिक सह भाषा वैज्ञानिक दृष्टिकोण‚ पद्मश्री स्व डॉ रामदयाल मुण्डा द्वारा डॉ नारायण उराँव द्वारा तोलोंग सिकि लिपि के तकनीकि पहलुओं को आसानी से समझने के लिये 1997 में एक पुस्तक की रचना की गई‚ जिसका नाम – Graphics of Tolong Siki रखा गया और सामाजिक सहयोग से इसे छपवाया गया। इस पुस्तक का लोकार्पण दिनांक 05॰05॰1997 को राँची विश्वदविद्यालय‚ राँची के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में हिन्दी दैनिक‚ प्रभात खबर के प्रधान सम्पादक श्री हरिवंश जी के द्वारा सम्पन्न हुआ। समारोह में श्री हरिवंश जी ने कहा - वर्तमान भूमण्डलीकरण के दौर में पूरे विश्व। में‚